चांद की सतह पर मित्रा, माक, कोरोलेव, प्लासकेट नाम के हैं गड्ढे, चंद्रयान 2 ने खींची ये तस्वीरें
इसरो ने 21 अगस्त को ‘चंद्रयान-2’ को चांद की कक्षा में दूसरी बार आगे बढ़ाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की थी. इसरो ने इसके साथ ही कहा था कि इस प्रक्रिया (मैनुवर) के पूरी होने के बाद यान की सभी गतिविधियां सामान्य हैं.
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View In Appचंद्रयान 2 तीन मॉड्यूल वाला अंतरिक्ष यान है जिसमें आर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल है. इस यान को 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था.
इन विशाल गड्ढों का नाम महान वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और भौतिक विज्ञानियों के नाम पर रखा गया है. विशाल गड्ढे ‘मित्रा’ का नाम भारतीय भौतिक विज्ञानी और पद्म भूषण से सम्मानित प्रोफेसर शिशिर कुमार मित्रा के नाम पर रखा गया है. प्रोफेसर मित्रा को आयनमंडल और रेडियोफिजिक्स के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण कार्य के लिए जाना जाता है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि वर्तमान समय में चंद्रमा के चक्कर लगा रहे चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह की कुछ और तस्वीरें ली हैं जिसमें कई विशाल गड्ढे (क्रेटर) दिखायी दे रहे हैं. इसरो ने तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि चंद्रयान द्वारा जो तस्वीरें ली गई हैं वे ‘सोमरफेल्ड’, ‘किर्कवुड’, ‘जैक्सन’, ‘माक’, ‘कोरोलेव’, ‘मित्रा’, ‘प्लासकेट’, ‘रोझदेस्तवेंस्की’ और ‘हर्माइट’ नामक विशाल गड्ढों की हैं.
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रमा के सतह की ये तस्वीरों 23 अगस्त को चंद्रयान 2 के टेरेन मैपिंग कैमरा 2 द्वारा करीब 4375 किलोमीटर की ऊंचाई से ली गई. चंद्रयान 2 द्वारा ली गई पहली तस्वीर इसरो ने 22 अगस्त को जारी की थी.
यान को चंद्रमा की कक्षा में आगे बढ़ाने के लिए अभी और तीन प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा. आगामी दो सितंबर को लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और सात सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा.
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