क्या है कर्नाटक का पूरा हिसाब, कैसे साबित होगा बहुमत
अगर येदुरप्पा बहुमत साबित कर पाते हैं तो वो सीएम पद पर बरकरार रहेंगे. वरना उनकी वो सरकार गिर जाएगी जो अभी ठीक से बनी भी नहीं है.
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View In Appजब येदुरप्पा बहुमत हासिल करने की बात कहेंगे तब इसपर वोटिंग होगी और जैसा कि कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा है कि इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
वहीं सीएम पद की शपथ लेने वाले येदुरप्पा को विश्वास मत रखना होगा. आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बीजेपी ने येदुरप्पा को सीएम पद से हटा दिया था जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाकर 2013 के विधनसभा चुनाव में हिस्सा लिया था और बुरी तरह हार गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने पारदर्शिता के लिहाज से ये भी कहा है कि गुप्त मतदान नहीं होगा.
विधायकों को शपथ दिलाने का काम प्रोटेम स्पीकर करेंगे.
इस दौरान 224 सीटों वाली विधानसभा में पहले विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि अलग-अलग कारणों की वजह से चुनाव 222 सीटों पर ही हुए थे.
बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देने और येदुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिलाने वाले वजुभाई ने बीजेपी को 15 दिनों का समय दिया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पार्टी को कल ही अपना बहुमत साबित करना होगा.
गुरुवार को आधी रात के बाद तक चली साढ़े तीन घंटे की सुनवाई में कोर्ट ने येदुरप्पा सरकार का शपथ ग्रहण रोकने से मना कर दिया था. लेकिन अब कोर्ट ने बीजेपी की ज्यादा समय वाली मांग ठुकराते हुए कहा है कि पार्टी को कल ही विधानसभा के फ्लोर पर अपना बहुमत साबित करना होगा. जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि इसके लिए शाम चार बजे तक का समय दिया गया है.
वहीं, कांग्रेस का दावा बीजेपी से बिल्कुल अलग है. पार्टी का कहना है कि उनका सिर्फ एक विधायक गायब है. जेडीएस का दावा है कि उनके सभी विधायक पार्टी के साथ हैं. दोनों निर्दलीय विधायकों को भी कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही के साथ देखा गया है. अगर कांग्रेस और जेडीएस के दावे को सच मानें और ये भी मान लें कि अभी तक निर्दलीय विधायकों ने ये तय नहीं किया है कि उन्हें किधर जाना है तो बीजेपी के बहुमत साबित करने का सपना खटाई में पड़ सकता है.
बीजेपी के सूत्रों की मानें तो उनके पाले में कुछ 12 विधायक हैं. इनमें से आठ विधायक कांग्रेस के हैं, वहीं दो जेडीएस और दो अन्य विधायक भी इनके संपर्क में हैं. अगर कांग्रेस और जेडीएस के मिलाकर 10 विधायक अनुपस्थित रहते हैं तो बहुमत का आंकड़ा 106 हो जाएगा. इसमें अगर दो अन्य और बीजेपी के 104 जोड़ दें तो बीजेपी बहुमत साबित करने में सफल हो जाएगी.
कर्नाटक विधानसभा के नतीजे इतने पेचीदा हो गए कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि बहुमत परीक्षण कल शाम चार बजे तक हो जाना चाहिए. आपको बता दें कि बीते मंगलवार को राज्य के चुनाव के नतीज़ों के बाद कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी. राज्य के राज्यपाल वजुभाई वाला ने कांग्रेस (78 सीट) और जेडीएस (38 सीट) के बहुमत वाले गठबंधन को सरकार नहीं बनाने दी. उन्होंने बीजेपी (104 सीट) के येदुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिला दी. राज्यपाल ने बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था. लेकिन अब पार्टी को कल ही बहुमत साबित करना पड़ेगा. आइए जानते हैं क्या है कर्नाटक का पूरा हिसाब-किताब: जैसा कि आप इस स्लाइड में देख सकते हैं कि जेडीएस के कुमारास्वामी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था. दोनों सीटें जीत चुके स्वामी को एक सीट छोड़नी पड़ेगी जिसके खाली हो जाने की वजह से कुल संख्या 221 हो जाएगी. इसके बाद बहुमत के लिए 111 सीटें चाहिए होंगी. ऐसी स्थिति में बीजेपी के पास बहुमत से चार सीटें कम होंगी.
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