जेटली पर पी चिदंबरम का पलटवार, नोटबंदी से पहले के दावों को याद करें वित्त मंत्री

Demonetisation Protest: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि अरुण जेटली कहते हैं कि नोटबंदी का मकसद मुद्रा की जब्ती नहीं था. क्या कोई उनको याद दिलाएगा कि उन्होंने मीडिया से क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को क्या बताया था?

ABP News Bureau Last Updated: 15 Nov 2018 10:28 AM
नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस और बीजेपी कालेधन के मुद्दे पर आमने-सामने है. नोटबंदी को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि आठ नवंबर, 2016 को उठाया गया कदम 'आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला' है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया है और ट्विटर के जरिए एक के बाद एक दस सवाल पूछे हैं.
नोटबंदी पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘नोटबंदी आज़ादी के बाद सबसे बड़ा घोटाला है. नोटबंदी से कालाधन रखने वालों की हुई ऐश, रातों रात ‘सफेद’ बनाया सारा कैश! न काला धन मिला, ना नक़ली नोट पकड़े गए, ना ही आतंकवाद व नक्सलवाद पर लगाम लगी.’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर पलटवार करते हुए कहा कि जेटली को याद दिलाया जाना चाहिए कि उन्होंने नोटबंदी के बारे में पहले क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में क्या बात कही थी. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा,‘‘वित्त मंत्री कहते हैं कि नोटबंदी का मकसद मुद्रा की जब्ती नहीं था. क्या कोई उनको याद दिलाएगा कि उन्होंने मीडिया से क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को क्या बताया था?’’


नोटबंदी की दूसरी बरसी पर एक फेसबुक पोस्ट में जेटली ने लिखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के पहले चार साल में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 6.86 करोड़ हो गई जबकि मई 2014 यह संख्या 3.8 करोड़ थी. ‘नोटबंदी का प्रभाव’ शीर्षक से लिखे अपने इस लेख में जेटली ने कहा, ‘‘इस सरकार के पांच साल पूरे होने तक, हम करदाताओं की संख्या को दोगुना कर चुके होंगे.’’
नोटबंदी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि गलत आलोचना की जा रही है कि सारे पैसे बैंकों में जमा कर लिए गए. पैसे की जब्ती करना नोटबंदी का मकसद नहीं था. अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने और कर चुकाना इसके व्यापक लक्ष्य था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी की सालगिरह पर ट्वीट कर कहा कि दो साल बीत जाने के बाद भी यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर क्यों मोदी सरकार ने देश को आपदा में धकेला?
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने के मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा और कहा कि अर्थव्यवस्था की "तबाही' वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है तथा इससे देश का हर व्यक्ति प्रभावित हुआ.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले जब इसका ऐलान किया था वह तभी से इसे ‘‘काला दिन’’ कहती आ रही हैं. एक ट्वीट में ममता ने कहा, ‘‘आज नोटबंदी विपदा को दो साल हो गए. मैं ऐसा तब से कह रही हूं, जब से इसकी घोषणा की गई थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, आमजन और सभी विशेषज्ञ अब इससे सहमत हैं.’’

बैकग्राउंड

आज नोटबंदी के दो साल पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर मोदी सरकार के शीर्ष मंत्री इसकी उपलब्धियां गिना रहे हैं. तो वहीं पूरा विपक्ष इसे काला दिन बता रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. सरकार की तरफ से बचाव के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली उतरे. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से आयकर में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई.

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