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आपके कंप्यूटर-इंटरनेट में घुसीं सरकार की 10 जांच एजेंसियां, साथ दें नहीं तो होगी 7 साल की जेल
![](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21135200/Capture4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
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![केंद्र सरकार ने आईटी एक्ट का इस्तेमाल करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय द्वारा उठाए गए इस कदम पर बवाल शुरू हो गया है और विपक्ष इसका जमकर विरोध कर रहा है. दरअसल, एक नए आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश की 10 जांच एजेंसियों की भारत के हर कंप्यूटर तक पहुंच होगी. इसके विरोध में कहा जा रहा है कि इसके तहत एक ऐसा देश तैयार किए जाने की कोशिश की जा रही है जिसमें सबके ऊपर निगरानी हो. आइए आपको बताते हैं कि क्या है पूरा मामला-](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21131837/Capture6.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
केंद्र सरकार ने आईटी एक्ट का इस्तेमाल करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय द्वारा उठाए गए इस कदम पर बवाल शुरू हो गया है और विपक्ष इसका जमकर विरोध कर रहा है. दरअसल, एक नए आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश की 10 जांच एजेंसियों की भारत के हर कंप्यूटर तक पहुंच होगी. इसके विरोध में कहा जा रहा है कि इसके तहत एक ऐसा देश तैयार किए जाने की कोशिश की जा रही है जिसमें सबके ऊपर निगरानी हो. आइए आपको बताते हैं कि क्या है पूरा मामला-
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![वहीं, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसे पता था कि घर घर मोदी का मतलब क्या था. 2014 लोकसभा चुनाव के समय 'हर-हर मोदी, घर-घर मोदी' जैसे नारे काफी प्रचलित हुए थे. ओवैसी ने कहा, ''मोदी ने सरकारी आदेश के जरिए हमारे राष्ट्रीय एजेंसियों को हमारे कम्यूनिकेशन की जासूसी करने के लिए कहा है.''](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21131829/Capture5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसे पता था कि घर घर मोदी का मतलब क्या था. 2014 लोकसभा चुनाव के समय 'हर-हर मोदी, घर-घर मोदी' जैसे नारे काफी प्रचलित हुए थे. ओवैसी ने कहा, ''मोदी ने सरकारी आदेश के जरिए हमारे राष्ट्रीय एजेंसियों को हमारे कम्यूनिकेशन की जासूसी करने के लिए कहा है.''
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![सरकार के इस फैसले का कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी और एआईएमआईएम ने विरोध किया है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार भारत को सर्विलांस स्टेट बनाना चाहती है. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ''इस मामले की पूरी जानकारी हमारे पास नहीं है. लेकिन अगर कोई आपके कंप्यूटर को मॉनिटर कर रहा है तो हम ऑरवेलियन स्टेट की तरफ जा रहे हैं.'' दरअसल, जॉर्ज ऑरवेल ने एक किताब लिखी थी जिसका शीर्षक था- 1984. इसमें समय से आगे एक समय की कल्पना की गई है, जिसमें राज सत्ता लोगों को आजादी देने के पक्ष में नहीं है. जिसकी वजह से वह नागरिकों पर नजर रखती है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21131822/Capture4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सरकार के इस फैसले का कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी और एआईएमआईएम ने विरोध किया है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार भारत को सर्विलांस स्टेट बनाना चाहती है. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ''इस मामले की पूरी जानकारी हमारे पास नहीं है. लेकिन अगर कोई आपके कंप्यूटर को मॉनिटर कर रहा है तो हम ऑरवेलियन स्टेट की तरफ जा रहे हैं.'' दरअसल, जॉर्ज ऑरवेल ने एक किताब लिखी थी जिसका शीर्षक था- 1984. इसमें समय से आगे एक समय की कल्पना की गई है, जिसमें राज सत्ता लोगों को आजादी देने के पक्ष में नहीं है. जिसकी वजह से वह नागरिकों पर नजर रखती है.
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![इस निगरानी की सीमा में कंप्यूटर, इंटरनेट और फोन पर आप लगभग जितनी चीज़ें करते हैं वो सब हैं. फोन के मामले में सर्विस प्रोवाइडर को मांगे जानें पर डेटा के इस्तेमाल की जानकारी देनी होगी. फोन कॉल्स को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है. लेकिन अब सरकार और उसकी जांच एजेंसियां आपके कंप्यूटर के डेटा, उससे होने वाले किसी तरह के सोशल मीडिया के इस्तेमाल से लेकर किसी तरह के कॉल तक आसानी से पहुंच सकती हैं. आदेश के अनुसार किसी भी तरह की सर्विस देने वाले या कंप्यूटर के मालिकों को इनका पालन करना पड़ेगा.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21131816/Capture3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस निगरानी की सीमा में कंप्यूटर, इंटरनेट और फोन पर आप लगभग जितनी चीज़ें करते हैं वो सब हैं. फोन के मामले में सर्विस प्रोवाइडर को मांगे जानें पर डेटा के इस्तेमाल की जानकारी देनी होगी. फोन कॉल्स को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है. लेकिन अब सरकार और उसकी जांच एजेंसियां आपके कंप्यूटर के डेटा, उससे होने वाले किसी तरह के सोशल मीडिया के इस्तेमाल से लेकर किसी तरह के कॉल तक आसानी से पहुंच सकती हैं. आदेश के अनुसार किसी भी तरह की सर्विस देने वाले या कंप्यूटर के मालिकों को इनका पालन करना पड़ेगा.
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![गृहमंत्रालय ने जांच एजेंसियों को आईटी एक्ट की 69 (1) ये तहत ये अधिकार दिए हैं. इसमें वो सारी बातें हैं जो कि अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पाबंदी लगाने वाले आर्टिकल 19 (2) के तहत आती हैं और ऐसे मामलों में जांच एजेंसियों का साथ नहीं देने की स्थिति में सात साल की सज़ा हो सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21131808/Capture2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गृहमंत्रालय ने जांच एजेंसियों को आईटी एक्ट की 69 (1) ये तहत ये अधिकार दिए हैं. इसमें वो सारी बातें हैं जो कि अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पाबंदी लगाने वाले आर्टिकल 19 (2) के तहत आती हैं और ऐसे मामलों में जांच एजेंसियों का साथ नहीं देने की स्थिति में सात साल की सज़ा हो सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है.
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![केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईबी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत कुल 10 एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर को इंटरसेप्ट करने का अधिकार दिया है. इसमें कंप्यूटर आधारित कॉल और फोन का डेटा भी शामिल है. इसके लिए अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी. पहले इसके लिए मंज़ूरी लेनी पड़ती थी. गृह सचिव राजीव गोबा के हस्ताक्षर वाले नोटिफेकेशन को कल जारी किया गया. गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, देश की 10 सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकती हैं.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21131758/Capture1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईबी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत कुल 10 एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर को इंटरसेप्ट करने का अधिकार दिया है. इसमें कंप्यूटर आधारित कॉल और फोन का डेटा भी शामिल है. इसके लिए अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी. पहले इसके लिए मंज़ूरी लेनी पड़ती थी. गृह सचिव राजीव गोबा के हस्ताक्षर वाले नोटिफेकेशन को कल जारी किया गया. गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, देश की 10 सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकती हैं.
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![10 एजेंसियों में सूचना ब्यूरो (आईबी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, राजस्व आसूचना निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, मंत्रिमंडल सचिवालय (रॉ), सिग्नल एंटेलिजेंस निदेशालय (केवल जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम सेवा क्षेत्रों के लिए), दिल्ली पुलिस आयुक्त शामिल है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/21131750/Capture.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
10 एजेंसियों में सूचना ब्यूरो (आईबी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, राजस्व आसूचना निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, मंत्रिमंडल सचिवालय (रॉ), सिग्नल एंटेलिजेंस निदेशालय (केवल जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम सेवा क्षेत्रों के लिए), दिल्ली पुलिस आयुक्त शामिल है.
Published at : 21 Dec 2018 01:52 PM (IST)
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