मुंबई में 100 साल पुरानी इमारत गिरने से अब तक 10 लोगों की मौत, 12 घंटे बाद भी मलबे में फंसे हैं लोग
बेसुध हालत में एक महिला को भी मलबे से निकाला गया जिसे कपड़े से बने अस्थाई स्ट्रेचर पर ले जाया गया. घटनास्थल पर दिल दहलाने वाले दृश्य है जहां लापता लोगों के परिजन अपने प्रियजनों के जिंदा होने की चाह के साथ किसी अच्छी खबर के इंतजार में डटे हुए हैं.
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View In Appभीड़भाड़ वाला इलाका होने के कारण एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पायीं और उन्हें घटनास्थल से 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि इमारत करीब 100 साल पुरानी है लेकिन वह खस्ताहाल इमारतों की सूची में नहीं थी, उसे पुन:विकास के लिए डेवेलपर को दिया गया था. इस बिल्डिंग में 10-15 परिवार रह रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों की मौत पर दुख जताया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘मुंबई के डोंगरी में इमारत गिरने की घटना दुखद है. मैं मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. महाराष्ट्र सरकार, एनडीआरएफ और स्थानीय अधिकारी राहत अभियान में लगे हैं और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं.’’
मुंबई के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर ने कहा कि उन्होंने नगर आयुक्त को मामले की जांच शुरू करने को कहा है. एक अधिकारी ने बताया कि बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इमामबाड़ा नगरपालिका उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में एक आश्रयस्थल बनाया है. बचाव प्रयासों के बीच इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि भवन का मालिकाना हक किसके पास है.
टीवी पर बचावकर्मियों द्वारा एक बच्चे को मलबे से बाहर निकालते हुए दिखाया गया. अधिकारियों ने बताया कि बच्चा जीवित है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इमारत महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (म्हाडा) की है. हालांकि म्हाडा के मरम्मत बोर्ड के प्रमुख विनोद घोसालकर का कहना है कि इमारत संस्था की नहीं थी.
मुस्लिम बहुल इस इलाके में दुर्घटनास्थल पर स्थानीय लोग और वहां पहुंचे अन्य लोग बचावकर्मियों की मदद करते हुए नजर आये. उन्होंने मानव श्रृंखला बनाकर मलबा हटाने में हाथ बंटाया. वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं.
मुंबई के घनी आबादी वाले इलाके में मंगलवार को एक रिहायशी इमारत के गिर जाने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. मलबे में अभी भी 40 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है. राहत-बचाव कार्य अब भी जारी है. एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिणी मुंबई में डोंगरी इलाके की एक संकरी गली में करीब 100 साल पुरानी चार मंजिला रिहायशी इमारत गिरी और इसमें 11 लोगों की मौत हो गई. इससे पहले महाराष्ट्र के आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया था कि प्राथमिक सूचना के अनुसार इस हादसे में 12 से 13 लोगों की मौत हुई है.
एक अधिकारी ने कहा कि इस साल करीब 500 इमारतें जर्जर घोषित की गयी थी लेकिन उनमें से केवल 68 को ही खाली कराया गया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा, ‘‘ यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुंबई में हर साल मानसून के दौरान कुछ ऐसा हो जाता है. दीवारें ढह जाती हैं, सड़कों में गड्ढ़े हैं जहां लोग मरते है और बच्चे मेनहोल में गिर जाते हैं.’’
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