हाथियों को ट्रेन की चपेट में आने से बचाने के लिए रेलवे ने किया अनोखा उपाय
हाथी को हटाने की तकनीकों में मिर्ची बम और इलेक्ट्रिक बाड़े का उपयोग भी पहले किया ज चुका है. लेकिन भिनभिनाहट की ध्वनि वाला यह तरीका सबसे प्रभावी और किफायती साबित हुआ है. यह एक साधारण उपकरण है, जिसमें इंटरनेट से मधुमक्खियों की रिकॉर्ड की गई आवाज डाउनलोड कर बजाया जाता है. इस उपकरण की लागत करीब 2,000 रुपये है और यह 600 मीटर दूर तक किसी हाथी को सुनाई दे सकती है.
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View In Appएनएफआर के अतिरिक्त महाप्रबंधक लोकेश नारायण ने बताया, ‘‘हमने पहले इसे रांगिया डिवीजन में लगाया और जब यह तरीका सफल रहा तो बाद हमने अन्य क्षेत्रों में भी इस तरीके को अपनाया. इसे सिर्फ छह महीने पहले ही शुरू किया गया है.’’ केन्या में पटरियों से हाथियों को दूर रखने के लिए उस इलाके में बाड़ पर मुधमक्खियों के छत्ते को लटका दिया जाता है. एनएफआर ने इन जानवरों को दूर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बजर का उपयोग किया है.
इस पहल को 2017 के अंत में लागू किया गया और इस साल ट्रेन से टकराने की घटनाओं में केवल छह हाथियों की मौत हुई है. 2013 में इस तरह की घटनाओं में मरने वाले हाथियों की संख्या 19 थी. 2014 में पांच, 2015 में 12, 2016 में नौ, जबकि 2017 में इसकी संख्या 10 थी.
मधुमक्खियों की भिनभिनाहट की आवाज़ को इंटरनेट से डाउनलोड किया गया है. आपको बता दें कि रेलवे की ये अनूठी पहल खूब सुर्खियां बटोर रही है. नॉर्थ ईस्ट बॉर्डर रेलवे (एनएफआर) ने इस पहल को अपने चार डिवीजनों के उन सभी चुनिंदा रेलवे क्रॉसिंग पर लागू किया है. इन क्षेत्रों में हाथियों की खासी आबादी है.
नॉर्थ ईस्ट में रेलवे ने एक अनूठा उपाय निकाला है जिससे हाथियों के ट्रेनों से टकराने की घटनाओं में कमी आयी है. दरअसल, इस उपाय के तहत रेल की पटरियों के पास मधुमक्खियों की भिनभिनाहट की आवाज बजाई जा रही है.
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