तीन तलाक बिल राज्यसभा से पास, पीएम मोदी बोले- कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया

Triple Talaq Bill: तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद आज राज्यसभा से पास हो गया है. यह मोदी सरकार के लिए किसी बड़ी जीत से कम नहीं है. तीन तलाक बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े.

ABP News Bureau Last Updated: 30 Jul 2019 10:28 PM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राज्य सभा में मुस्लिम विमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरेज) बिल के पारित होने से ‘तीन तलाक’ की अन्यायपूर्ण परंपरा के प्रतिबंध पर संसदीय अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. यह महिला-पुरुष समानता के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है; पूरे देश के लिए संतोष का क्षण है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र के लिए बड़ा दिन है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देता हूं.
तीन तलाक बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है. आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है. सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है. इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा, ''तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है. तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया. मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है.''
कांग्रेस नेता राजबब्बर ने कहा कि मैं समझता हूं कि इस देश के अंदर किसी भी फैमली लॉ को लेकर एक बहुत बड़ा झटका है. सिविल लॉ को क्रिमिनल लॉ में बदला गया है. यह एक ऐतिहासिक भूल है.
राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास होने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है. दोनों सदनों ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिया है. यह ट्रांसफॉर्मिंग भारत की शुरुआत है.
तीन तलाक का दर्द सह चुकी एक पीड़ित ने कहा कि यह बड़ी जीत है. हमारे लिए आजादी का दिन है. हमारी अब सुनवाई होगी. हम सुप्रीम कोर्ट तक गए.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. देश के मुस्लिम महिलाओं के लिए नरेंद्र मोदी लगातार बरसों से उनका हक दिलाने का प्रयास कर रहे थे,आज जाकर वह सफल हुआ और तीन तलाक़ बिल दोनो सदनों से पास हुआ. मुस्लिम महिलाएं अब आजादी ,सम्मान और स्वाभिमान के लिए आगे बढ़ेगी. तीन तलाक अब क्रिमिनल ऑफेंस है.
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बिल पास होने के बाद कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. आजादी के बाद पहली बार उन्हें स्वतंत्र हवा में सांस लेने का मौका मिला है.
तीन तलाक बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है. अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून का रूप ले लेगा.
तीन तलाक बिल राज्यसभा से पास हो गया है. बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े. इससे पहले राज्यसभा में लंबी बहस चली. बहस के बाद बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग पर वोटिंग हुई. लेकिन सरकार को जीत मिली. इसी के बाद साफ था कि सरकार तीन तलाक बिल आज पास करा लेगी. सत्तारूढ़ एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू और एआईएडीएमके ने तीन तलाक बिल का विरोध किया है और दोनों पार्टी ने सदन से वॉकआउट किया. इसके अलावा टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और बीएसपी ने भी सदन से वॉक आउट किया. इसके अलावा विपक्ष के कई सांसद सदन में अनुपस्थित रहे.
वोटिंग के लिए जारी प्रक्रिया के बीच कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के पक्ष में हैं. हम चाहते थे कि बिल संशोधन के पास हो. हमने दो संशोधित करने की बात कही. लेकिन सरकार ने विपक्ष के संशोधन को खारिज कर दिया. इसलिए विपक्ष को इसके खिलाफ वोट करना होगा.
राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के विरोध में वोट पड़े. सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के विरोध में 100 और पक्ष में 84 वोट पड़े. बिल के विरोध में सदन से जेडीयू और एआईएडीएमके ने वॉक आउट किया है. साफ है कि तीन तलाक बिल को लेकर सरकार के पास नंबर है और वह बिल को पास कराने में सफल होगी.
तीन तलाक पर चर्चा पूरी हो गई है. अभी बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने पर वोटिंग हो रही है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक की सबसे अधिक पीड़ित महिलाएं गरीब 75 प्रतिशत है. भले हमें वोट कम मिलता हूं. हम सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को फॉलो करते हैं. हम वोट का नफा-नुकसान नहीं देखते हैं.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि असहाय महिलाओं को सड़क पर नहीं छोड़ा जा सकता है. मैं नरेंद्र मोदी सरकार का कानून मंत्री हूं, राजीव गांधी सरकार नहीं हूं. हमारे ऊपर आरोप लगाए गए कि हम महिलाओं के खिलाफ हैं. बिल लाए जाने से पहले यह सवाल नहीं उठाया गया था कि जिसे तलाक दिया गया है उसका खर्च कौन उठाएगा.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 1986 से 2019 तक कांग्रेस वहीं खड़ी है. 1986 के बाद कांग्रेस को कभी 400 से अधिक सीटें नहीं मिली. कांग्रेस को यह सोचना चाहिए, ऐसा क्यों हुआ. 1986 में शाहबानो का मामला आया और आप आगे नहीं बढ़े.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दहेज मांगने, देने -लेने को लेकर 1961 में कानून लाया गया. उन्होंने बाद में संशोधित किया और सख्त किया गया. हिंदू-मुस्लिम सभी पर लागू है. तब आपने कहा कि गैरजमानती कानून में पति अगर जेल चला जाएगा तो पत्नी की देखरेख कौन करेगा?
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष तीन तलाक को बरकरार रखना चाहती है. मैं आज गुलाम नबी आजाद को सुन रहा था. वह कांग्रेस की उपलब्धियों को भी भूल गई. बाल विवाह रोकने के लिए कानून लाया. यह उन्होंने आज नहीं कहा.
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में तीन तलाक पर चर्चा के दौरान कहा कि मोदी जी जब से प्रधानमंत्री बने हैं उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को विश्वास में लेना चाहिए. क्या इस बिल को बनाते समय अल्पसंख्यक समुदाय से चर्चा करके उन्हें विश्वास में लिया गया. किससे चर्चा की? हम जानना चाहते हैं. आप जब तीन तलाक बिल की बात करते हैं तो लिंचिंग में जब लोगों की हत्या कर दी गई. उनकी महिलाओं के बारे में आपने सोचा? गुजरात दंगे में गर्भवती महिलाओं के पेट में तलवार भोंककर उसके बच्चे को काट डाला तो उसके बारे में आपने कभी बात की. तब आपका मुस्लिम महिलाओं के प्रति प्रेम कहां गया था? शुद्ध रूप से राजनीतिक दृष्टी से बात करते हैं.
एनसीपी के सांसद माजिद मेनन ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में कोई निर्णय दे दिया है तो वह अपने आप में एक कानून बन गया है. ऐसे में अलग कानून लाने का क्या औचित्य है? वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने भी विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि जब तीन तलाक को निरस्त मान लिया गया है तो फिर आप तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि इस सजा के प्रावधान से दोनों पक्षों के बीच समझौते की संभावना समाप्त हो जाएगी.
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. पार्टी के सांसद बाहर निकल कर कहा कि हम इस बिल के खिलाफ है, हम वॉकआउट कर रहे हैं. राज्यसभा में एआईएडीएमके के 11 सांसद हैं. एआईएडीएमके ने लोकसभा में सरकार के पक्ष में वोट किया था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दूसरा आप कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन तलाक को रोकने के लिए कानून बनाएं. कोर्ट को भी आप गलत कह रहे हैं. कोर्ट ने तो यह नहीं कहा कि क्रिमिनल कानून बनाएं? पांच साल से देश में लिंचिंग जैसी घटना हो रही है, कोर्ट ने कहा कानून बनाने के लिए. क्या आपने बनाया, नहीं बनाया. आप इस मामले में सुप्रीम कोर्ट नहीं मानते हैं. कल लिंचिंग पर कानून लाइए, तब समझेंगे कि आप कोर्ट के आदेश को मानते हैं.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दो मिसालें आपने (रविशंकर प्रसाद) दी. आप इसे दोबारा मत दीजिएगा. क्योंकि आप पकड़े जाएंगे. आपने इस्लामिक देश का उदाहरण दिया. वहां हाथ काटने, गला काटने का कानून है. आईएसआईएस है क्या आप इसे यहां लाएंगे? हमरा मुल्क किसी मुस्लिम देश जैसा नहीं है और इस तरह हमारा देश नहीं चलेगा. यहां के मुस्लिम को देश पर गर्व है. हजारों साल से इकट्ठे रहते हैं. यहीं पैदा हुए हैं. हम किसी दूसरे मुल्क की नकल नहीं करते हैं. हम सीरिया और अफगानिस्तान की नकल नहीं करते हैं. हम अपनी सेक्युलर, समाजवादी, लोकतांत्रिक सोच रखते हैं. यहां के मुस्लमानों की तुलना दूसरे देश के मुसलमानों से मत करिए. क्योंकि मैं नहीं चाहता हूं कि उनमें जो खामियां हैं उसे हमारे देश के मुसलमान अपनाएं.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में कहा कि इस बिल के जरिए घर को घर के चिराग से आग लगाने की कोशिश है. जब इस बिल को यहां लाने की कोशिश की थी और कुछ आपत्ति हमने जताई थी. उस आपत्ति को आपने हटाई नहीं. आप (रविशंकर प्रसाद) मेरे चेंबर में आए थे. मैंने आपको और दिवंगत अनंत कुमार को बताया था कि इस्लाम में शादी एक सिविल कॉन्ट्रैक्ट है और इसे आप क्रिमिनल बना रहे हैं. आप इसे संज्ञेय अपराध बना रहे हैं. पुलिस बगैर वारंट के किसी को जेल में डाल सकती है. तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है. बच्चों और बीवी का भी उसे ख्याल रखना है. गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा कि जिस महिला को तलाक दिया जाता है क्या सरकार इन महिलाओं को पैसे देगी, जब तक उसका पति जेल में है. आपने मुझे बताया कि एक पैसे की मदद नहीं मिलेगी.
तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने कहा कि उनकी पार्टी तीन तलाक के बारे में लाये गये अध्यादेश का इसलिए विरोध कर रही है क्योंकि यह अध्यादेश बिना संसदीय समीक्षा के लाया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में न तो राष्ट्रपति शासन लगा है और न ही तानाशाही है, इसलिए संसद की समीक्षा के बिना कोई भी कानून लाना संविधान की भावना के विरूद्ध है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सालों साल से हमारी महिलाएं पर्सनल लॉ की चक्की में पिस रही है. अगर हमारी सरकार इसे खत्म करने की कोशिश करती है तो मुझे नहीं लगता है कि इससे सेक्युलरिज्म खतरे में है.
उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी सांसद जावेद अली खान ने कहा कि सीरिया, अफगानिस्तान, जॉर्डन का उदाहरण यहां दिया जा रहा है. मेरा मन करता है कि मैं शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सर छुपा लूं. कम से कम ऐसी मिसालें मंत्री न दें. सरकार ने कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इतने तीन तलाक के मामले सामने आए हैं. लेकिन जब मैंने मंत्री से इसी सदन में पूछा कि शादी टूटने का कोई धर्म वार ब्योरा है तो मंत्री ने कहा कि इसका कोई डाटा सरकार एकत्रित नहीं करती है. जावेद अली खान ने कहा कि यह दोहरी नीति क्यों है. कानून को भय कायम करने के लिए लाया जाएगा.
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 33 साल पहले कांग्रेस सरकार को शाहबानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद एक मौका मिला था. दोनों सदनों में उसके पास खासी संख्या थी लेकिन वह न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक लेकर आयी थी.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने तीन तलाक बिल का समर्थन किया. बीजेडी सांसद प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि हम बिल का समर्थन करते हैं.
आरजेडी नेता मनोज झा ने तीन तलाक बिल पर बोलते हुए सरकार से कहा कि आप जोड़ तोड़ कर बिल पास मत करवाइए. आपके पास नंबर आ जाए तब करवा लीजिएगा. लेकिन अपील करता हूं कि इस तरह से बिल पास ना करवाया जाए. तीन तलाक बिल का जेडीयू भी विरोध कर रही है.
जेडीयू, वाईएसआर कांग्रेस, एआईएडीएमके के बाद अब टीडीपी ने कहा है कि वह तीन तलाक बिल का विरोध करती है. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के राज्यसभा में दो सांसद हैं. तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में पेश किया गया.

बैकग्राउंड

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश किया. जिसके बाद इस बिल पर चर्चा जारी है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, AIADMK, वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी ने बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया है. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक राज्यसभा में पेश करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि तीन तलाक निषेध विधेयक मानवता, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने वाला है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक से जुड़े कानून को राजनीति के चश्मे या वोटबैंक की राजनीति से नहीं देखा जाना चाहिये.

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