लोकसभा में तीन तलाक बिल पास, बिल के पक्ष में पड़े 245 वोट

Triple Talaq Bill: ट्रिपल तलाक बिल पर लोकसभा में वोटिंग पूरी हो चुकी है और बिल के पक्ष में 245 वोट पड़े हैं.

ABP News Bureau Last Updated: 27 Dec 2018 09:24 PM
लोकसभा में तीन तलाक बिल या ट्रिपल तलाक बिल पास हो गया है. कांग्रेस, एसपी, आरजेडी और एआईएडीएमके ने वोटिंग शुरू होने से पहले ही सदन से वॉकआउट कर दिया था. इस बिल के पक्ष में कुल 245 वोट पड़े और बिल के खिलाफ 11 वोट पड़े.
लोकसभा में तीन तलाक बिल या ट्रिपल तलाक बिल पास हो गया है.

ट्रिपल तलाक बिल पर लोकसभा में वोटिंग शुरु हो चुकी है.

ट्रिपल तलाक बिल की वोटिंग से पहले कांग्रेस और एआईएडीएमके ने सदन से वॉकआउट किया.

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार यह विधेयक किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं बल्कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए लेकर आई है. उन्होंने कहा कि कई पार्टियों के नेता इस बात से चिंतित हैं कि फौरी तीन तलाक देने के दोषी पति को जेल भेज दिए जाने पर उसके परिवार का क्या होगा, उसकी पत्नी का गुजारा कैसे होगा. लेकिन सवाल यह है कि कोई ऐसा जुर्म करे ही क्यों कि उसे जेल जाने की नौबत आए. नकवी ने कहा कि जब सती प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे थे, तो उस वक्त भी कुछ लोगों ने विरोध किया था. लेकिन इस देश और इस समाज ने सती प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म किया. विपक्ष पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा कि उनके नेताओं के रुख से ऐसा लग रहा है कि वे मजलूम के साथ नहीं, बल्कि मुजरिम के साथ हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने के लिए लाया गया विधेयक स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन अपनी पत्नी को फौरी तीन तलाक देने के दोषी पति के लिए जेल की सजा के प्रावधान का उनकी पार्टी विरोध करती है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मांग करती है कि इस विधेयक को विचार के लिए सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. बंद्योपाध्याय ने कहा कि फौरी तीन तलाक पूरी तरह ‘पाप’ है. मुस्लिम समुदाय का बड़ा तबका इसे ‘पाप’ और ‘अस्वीकार्य’ मानता है. तृणमूल सांसद ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को फौरी तीन तलाक से निजात दिलाने के लिए लाया गया विधेयक स्वागत योग्य है, लेकिन वह फौरी तीन तलाक देने के दोषी पति को जेल की सजा दिए जाने के प्रावधान के विरोध में हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रावधान को खत्म किया जाना चाहिए.

बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में कहा कि जो लोग ट्रिपल तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वो बताएं कि पाक कुरान में कहां तलाक-ए-बिद्दत के बारे में बताया गया है. ये मामला पुरुष बनाम स्त्री का नहीं है, ये मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला है.

कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने आज लोकसभा में कहा कि तीन तलाक बिल का वास्तविक उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं बल्कि मुस्लिम पुरुषों को सजा दिलाने का है. उन्होंने बिल को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने की वकालत की.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''इस्लामिक देशों में तीन तलाक पर बैन है तो फिर भारत जैसे सेक्युलर देश में क्यों नहीं. हमने विपक्ष की आपत्ति के बाद तीन तलाक बिल के मसौदे में बदलाव किए हैं. मैं विपक्ष की पूरी बात सुनकर इस पर जवाब देने के लिए तैयार हूं."
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''इस्लामिक देशों में तीन तलाक पर बैन है तो फिर भारत जैसे सेक्युलर देश में क्यों नहीं. हमने विपक्ष की आपत्ति के बाद तीन तलाक बिल के मसौदे में बदलाव किए हैं. मैं विपक्ष की पूरी बात सुनकर इस पर जवाब देने के लिए तैयार हूं."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''आज का बिल इंसाफ और इंसानियत के खिलाफ है, यह राजनीति से जुड़ा बिल नहीं है. यह देश की अल्पसंख्यक बहनों को न्याय दिलाने का मामला है. किसी की धार्मिक आस्था के खिलाफ नहीं है. पिछले हफ्ते जब मैं इस बिल को लेकर खड़ा हुआ था तो खड़गे जी ने कहा कि इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे. अब उन्हें अपनी बात कहनी चाहिए और हमारी बात सुननी चाहिए.''
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ''बिल बहुत महत्वपूर्ण है, इस पर पहले भी सबने पहले भी सुझाव दिए हैं. इस बिल की महत्वता को देखते हुए इस बिल पर विस्तार से चर्चा कराई जाए. सरकार की ओर से इस बिल पर अपनी बात रखी जाएगी, इसके बाद सदन निर्णय करे.''
लोकसभा में फिर चर्चा शुरू हुई, तीन तलाक बिल पर चर्चा से पहले हंगामा हो रहा है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कि बिल को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की. टीएमसी नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा कि बिल के कई हिस्सों से सदन सहमत है. टीएमसी ने भी बिल को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी को भेजने की बात कही. असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की बात कही. सेलेक्ट कमेटी को कुछ समय देना चाहिए.
बीजेपी की ओर से तील तलाक बिल पर लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी बात करेंगी.
तीन तलाक़ बिल पर चर्चा से पहले हलचल तेज़ हो गई है. टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की है. ये मुलाकात बिल पर विपक्ष का रुख़ तय करने के लिए मानी जा रही है. बिल पर टीएमसी और सीपीएम एकमत हैं, बिल को स्थाई कमिटी में भेजने की मांग करेंगे. दोनों पार्टियां बिल में पति को जेल भेजने वाले प्रावधान के ख़िलाफ़ हैं.
जानकारी के मुताबिक दोपहर 12.15 बजे के आस पास तीन तलाक बिल पर चर्चा हो सकती है.
जानकारी के मुताबिक दोपहर 12.15 बजे के आस पास तीन तलाक बिल पर चर्चा हो सकती है.
राफेल पर कांग्रेस के हंगामे के चलते लोकसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. लोकसभा में तीन तलाक बिल चर्चा के लिए लिस्ट है. माना जा रहा है कि 12 बजे इस पर चर्चा होगी.
हंगामे के चलते राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. इस लोकसभा में प्रश्न काल चल रहा है. विपक्ष राफेल के मुद्दे को उठाकर हंगामा कर रहा है. कांग्रेस सांसद लोकसभा की वेल में आकर हंगामा कर रहे हैं.
हंगामे के चलते राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. इस लोकसभा में प्रश्न काल चल रहा है. विपक्ष राफेल के मुद्दे को उठाकर हंगामा कर रहा है. कांग्रेस सांसद लोकसभा की वेल में आकर हंगामा कर रहे हैं.
लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच खबर है कि कांग्रेस बिल को स्टैंडिग कमेटी को भेजने की मांग कर सकती है. लोकसभा में सरकार के पास संख्या बल है, इसलिए यहां से पास कराने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन राज्यसभा सरकार के पास बहुमत नहीं वहां बीजेपी को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

बैकग्राउंड

Triple Talaq Bill:  लोकसभा में तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत के खिलाफ लाए गए बिल पर आज चर्चा होगी. बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में रहने के निर्देश दिए हैं तो वहीं इस मुद्दे पर आज कांग्रेस का रुख भी खुलकर सामने आएगा. बहस से पहले रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस सांसद सुबह 10 बजे संसद भवन में बैठक भी करेंगे. आज लोकसभा में गहमा-गहमी देखने को मिल सकती है.


तीन तलाक को दंडात्मक अपराध घोषित करने वाला बिल 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था. ये बिल तीन तलाक से संबंधित अध्यादेश की जगह पर लाया गया है। प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा. तीन तलाक के लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट भी तीन तलाक को गैर कानूनी करार दे चुका है.


मुस्लिम समाज में तीन तलाक वो कुप्रथा है जिसके जरिए शौहर अपनी पत्नी को बिना सहमति के एक बार में तीन तलाक बोलकर या लिख कर रिश्ता तोड़ देते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार कट्टरपंथियों और विपक्षी दलों के विरोध का सामना करने के बावजूद तीन तलाक पर एक कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. मोदी ने कहा, "हम प्रतिबद्ध हैं ताकि मुस्लिम महिलाओं को जिंदगी के एक बड़े खतरे से मुक्ति मिल सकें. हज पर जाने के वास्ते मुस्लिम महिलाओं के लिए हमने उनके साथ पुरुष व्यक्ति के साथ जाने की शर्त हटा दी."


केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री विजय गोयल ने बताया, ''इस बिल पर चर्चा के लिए बीजेपी ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है.'' वहीं कांग्रेस का रुख पूछे जाने पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''अभी यह तय है कि हम इस विधेयक पर चर्चा में भाग लेंगे. पार्टी का रुख बृहस्पतिवार को सुबह होने वाली बैठक में तय होगा.''

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