नई दिल्ली: 22 साल के तेजस्वी 9 महीने की उम्र में पोलियो का गलत टीका लग जाने से दोनों पैर से दिव्यांग हो गए, लेकिन 5 साल की उम्र से ही उन्होंने योग करना शुरू कर और अपनी जिंदगी बदल दी.


शरीर को पल भर में मोड़ कर कठिन से कठिन योग को आसानी से करता देख कोई भी ये नहीं कह सकता कि तेजस्वी शारीरिक रुप से अक्षम हैं, करतब ऐसे कि आंखे खुली की खुली रह जाए.


महज 5 साल की छोटी उम्र से अपने पिता के सिखाये योग की बदौलत आज तेजस्वी पोलियो ग्रस्त होने के बावजूद योग में अपने नाम का लोहा मनवा चुके हैं. तेजस्वी के मुताबिक योग ही उनकी ताकत है और योग ही उनकी दुनिया है.


तेजस्वी को साल 2015 में यूनिक वर्ल्ड रिकार्ड्स की ओर से "most flexible yoga champion" का ख़िताब मिला है. जेएनयू से जर्मन ऑनर्स का कोर्स कर चुके तेजस्वी इन सारी उपलब्धियों का श्रेय योग को ही देते हैं.


तेजस्वी के पिता पंडित मिथिलेश शर्मा बताते हैं कि वो लम्हा इनकी ज़िन्दगी के सबसे बुरे लम्हों में से एक था जब डॉक्टरों ने इन्हें यह बताया कि इनका बेटा अब कभी चल नहीं सकेगा. और फिर मिथिलेश ने योग के दम पर अपने बेटे का मुकद्दर बदलने की ठानी


तेजस्वी कलर्स और सोनी पर आने वाले रियलिटी शो इंडियाज गॉट टैलेंट और एंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा में भी हिस्सा ले चुके हैं. इसके अलावा तेजस्वी ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय योग प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. तेजस्वी का या जज्बा जिंदगी से हार मान चुके हर एक शख्स के लिए मिसाल है.