नई दिल्लीः राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला शनिवार को आया. इसे महज संयोग ही कहा जाएगा कि 9 नवंबर को ही बर्लिन की दीवार गिरने की 30वीं सालगिरह है और भारत में अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. 30 साल पहले विश्व की महत्वपूर्ण घटना में बर्लिन की दीवार गिराई गई थी. इस घटना ने जर्मनी को संगठित कराया था. नौ नवंबर 1989 को इस दीवार को गिराए जाने के बाद पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी एक हो गए थे.


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद एक सदी से भी पुराने और राजनीतिक रूप से बहुत की संवेदनशील मामला आज खत्म हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अपने फैसले में विवादित जगह पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि हिन्दुओं की पवित्र नगरी में मुसलमानों को भी पांच एकड़ जमीन दिया जाए.


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देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''आज नौ नवंबर है. यह वह तारीख है जब बर्लिन की दीवार गिरी थी. दो विपरीत धाराओं ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था. आज नौ नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की शुरुआत हुई. इसमें भारत और पाकिस्तान दोनों का सहयोग रहा.''


उन्होंने कहा, ''आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही नौ नवंबर की यह तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे रही है. आज के दिन का संदेश जुड़ने का, जोड़ने का और मिलकर जीने का है.''


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प्रधानमंत्री ने अलग-अलग समुदायों के बीच किसी भी प्रकार की सामाजिक कटुता मिटाने का आह्वान करते हुए कहा, ''कहीं भी, कभी भी, किसी के मन में, इन सारी बातों को लेकर यदि कोई कटुता रही हो तो उसे आज तिलांजलि देने का भी दिन है. नए भारत में भय, कटुता और नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए.''


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