नई दिल्ली: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर के निर्माण के आदेश मिल गए हैं और इसके लिए केंद्र सरकार को ट्रस्ट बनाने के लिए कहा गया है. वहीं इस ट्रस्ट में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को शामिल करने की मांग भी तेज हो गई है. दरअसल प्रयागराज के साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को ट्रस्ट में शामिल करने की मांग की है. अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी का मानना है कि महंत योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन अवैद्यनाथ महाराज की राम मंदिर के आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है. उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ को सीएम होने के नाते नहीं बल्कि गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर की हैसियत से राम मंदिर के ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए.
वहीं सीएम योगी को ट्रस्ट में शामिल करने के साथ ही महंत नरेंद्र गिरी ने राम मंदिर ट्रस्ट में सनातन धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्मावलम्बी को सदस्य बनाए जाने पर भी कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा है कि सैकड़ों वर्षों के लम्बे संघर्षों के बाद अयोध्या विवाद का सुप्रीम कोर्ट से हल निकला है। उन्होंने कहा है कि इस ट्रस्ट में मुस्लिम या किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को शामिल करना कतई उचित नहीं है. महंत गिरी का मानना है कि इससे एक बार फिर से विवाद की स्थिति बन सकती है.
महंत गिरी ने ट्रस्ट में चारों पीठों के शंकराचार्यों, चारों रामा नंदाचार्यों के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदेन अध्यक्ष और महामंत्री को शामिल करने की मांग की है. इसके साथ ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़े दूसरे साधु संतों को भी ट्रस्ट के साथ जोड़े जाने की बात कही है. महंत ने कहा है कि लेकिन इस ट्रस्ट में किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को जोड़ना गलत होगा और अखाड़ा परिषद ऐसे हर कदम का पुरजोर विरोध करेगा. आपको बता दें कि पिछले शनिवार को ही देश की सर्वोच्च अदालत ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के आदेश दिए हैं साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी अयोध्या में 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है.