Farmers Protest Live Updates: किसान और सरकार की एक और मीटिंग बेनतीजा, बैठक की अगली तारीख तय नहीं
Farmers Protest Live Updates: सरकार और किसानों के बीच आज 11वें दौर की बैठक जारी है. किसानों की ओर से 58 दिनों के लगातार आंदोलन किया जा रहा है. उधर, किसानों ने सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की धमकी दी है.
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नई दिल्लीः दिल्ली की दहलीज पर चल रहे किसान आंदोलन का आज 58वां दिन है. कई दौर की बैठक के बाद भी किसानों और सरकार के बीच बात नहीं बनी. आज एक बार फिर किसान संगठन और सरकार आमने सामने होंगे. केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में 11वें दौर की बैठक होनी है. 20 जनवरी को हुई पिछली बैठक में सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को डेढ़ वर्षों तक के लिए निलंबित रखने और गतिरोध समाप्त करने के लिए किसान संगठनों व सरकार के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति गठित करने प्रस्ताव रखा लेकिन किसान नेताओं ने इसे तत्काल स्वीकार नहीं किया और कहा कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे.
गुरुवार को किसान संगठनों ने अपनी आंतरिक बैठक की. बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है. मोर्चा तीनों कृषि कानून रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग पर कायम है. किसान नेता जोगेंद्र आग्रह ने मीटिंग से बाहर निकल कर कहा कि सरकार के किसी प्रपोजल को नहीं माना जाएगा. तीनों कानूनों को रद्द करने की बात सरकार के साथ बैठक में कहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति ने चर्चा शुरु की
तीन कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने वार्ता आरंभ कर दी और इस कड़ी में गुरुवार को आठ राज्यों के 10 किसान संगठनों से संवाद कायम किया. समिति की अगली बैठक 27 जनवरी को होगी. शीर्ष अदालत ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय समिति का गठन किया था. फिलहाल, इस समिति मे तीन ही सदस्य है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था.
समिति ने एक बयान में कहा कि गुरुवार को विभिन्न किसान संगठनों और संस्थाओं से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से संवाद किया गया. बयान के मुताबिक कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, और उत्तर प्रदेश के 10 किसान संगठनों ने समिति के सदस्यों से संवाद किया। बयान में कहा गया कि किसान संगठनों ने खुलकर अपने विचार रखे और कानूनों के क्रियान्वयन में सुधार संबंधी सुझाव भी दिए. समिति के सदस्यों में महाराष्ट्र स्थित शेतकारी संगठन के अनिल घनवट, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी शामिल हैं.