Farmers Protest LIVE Updates: कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पर पंजाब के कांग्रेस सांसदों के धरने का दसवां दिन
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 21वां दिन है. किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर जारी गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम को किसान संगठनों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें संगठन पुरानी बातों को ही दोहराते दिखे. वहीं सरकार भी अपने रुख पर कयम है. सरकार का कहना है कि हम किसान संगठनों से चर्चा के लिए तैयार हैं. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बने रहें एबीपी न्यूज़ के साथ....
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नई दिल्ली: किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर जारी गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम को किसान संगठनों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें संगठन पुरानी बातों को ही दोहराते दिखे. साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार पूरे आंदोलन को बदनाम करना चाहती है. लोग सड़कों पर आ बैठे हैं, सरकार को ज़रूरत है कि पहले तीनों बिलो को रद्द किया जाए उसके बाद ही बात होगी.
किसान संगठनों ने बताया कि अब तक 13-14 किसान भाई की मौत किसान आंदोलन में हुई है. 20 दिसंबर को श्रंद्धाजलि समारोह रखा गया है. किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि इस आंदोलन को और विशाल बनाया जाएगा. यह ऐतिहासिक आंदोलन है और किसानों की एकता तो तोड़ने की हर संभव कोशिश विफल होगी. संगठनों ने कहा कि हमने उनका प्रस्ताव इसलिए ठुकराया की हम संशोधन नहीं चाहते. हम उनकी हर बैठक में जाने को तैयार हैं. पर सरकार हमारी मांग मानने को तैयार तो हो.
किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि हमें सरकार की नीयत पर शक है. अभी तक पीएम ने किसानों के लिये दो शब्द नहीं कहे, हाल नहीं पूछा. 6 साल से पीएम किसी किसान संगठन से नहीं मिले. रेडियो पर मन की बात करते हैं पर किसानों से बात नहीं करते.