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Farmers Protest LIVE Updates: किसान आंदोलन का 28वां दिन, केंद्र की चिट्ठी पर फैसले के लिए सिंघु बॉर्डर पर होगी किसानों की बैठक
Farmers Protest LIVE Updates: किसान आंदोलन का 28वां दिन, केंद्र की चिट्ठी पर फैसले के लिए सिंघु बॉर्डर पर होगी किसानों की बैठक
किसान आंदोलन का 28वां दिनः कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को करीब एक महीना होने वाला है. किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है. केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजी गई चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला लेंगे. मंगलवार को सहमति न होने की वजह से आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से बैठक होगी. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बनें रहें एबीपी न्यूज़ के साथ...
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
24 Dec 2020 06:35 AM
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवंगत नेता से प्रेरणा ली है और वे किसानों के हितों को चोट नहीं पहुंचने देंगे. राजनाथ ने ट्वीट्स की एक सीरीज में कहा कि मुझे याद है पूर्व प्रधानमंत्री और देश के सबसे सम्मानित नेता चौधरी चरण सिंह जी की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं. उन्होंने पूरी जिंदगी किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए और उनके कल्याण के लिए काम किया। देश हमेशा उनके योगदान को याद रखेगा. उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों की आय में बढ़ोतरी, उनकी फसलों के उचित मूल्य और उनके सम्मान की रक्षा करना चाहते थे. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे प्रेरणा लेकर और किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि आशंकाएं दूर किये जाने के बावजूद विरोध जारी रहना विपक्षी दलों के दुष्प्रचार का नतीजा है. योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 118वीं जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि किसान के चेहरे पर खुशहाली लाने के लिए ही कृषि क्षेत्र में तेजी के साथ सुधार के लिए केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों में व्यापक सुधार किए हैं लेकिन जिन्हें किसानों की प्रगति, देश का विकास और किसान के चेहरे पर खुशी अच्छी नहीं लगती, वे गुमराह करके किसानों को भड़का रहे हैं.
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी जी ने ट्रैक्टर पर सोफा लगाकर किसानों के मुद्दे की शुरुआत की थी. वे किसानों की ठगी बंद करें.जिसे वे काला कानून कह रहे हैं उसमें काला क्या है मैं आज तक नहीं समझ पाया। ये टुकड़े-टुकड़े गैंग है जो भ्रम फैला रही है.
सिंघु (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जो चिट्ठी सरकार ने भेजी है आज उसका जवाब दिया जाएगा. हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है.
भारतीय किसान यूनियन के हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि आज हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे. 26 और 27 तारीख़ को दूतावासों के बाहर हमारे लोग प्रदर्शन करेंगे. 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजाकर विरोध करेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी ने कहा कि किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें क्योंकि अबका किसान पढ़ा-लिखा है उन्हें इस कानूनों के बारे में पता है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसान दिवस पर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूँ. उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है. कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं. सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है. मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द अपने आंदोलन को वापस लेगें.
किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मतिथि पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी आज किसान संगठनों के समर्थन में उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन करेगी. यूपी कांग्रेस कमिटी की तरफ से कहा गया है कि पार्टी कार्यकर्ता बीजेपी के सांसदों और विधायकों के आवासों/कार्यालयों का घेराव करेंगे और ताली, थाली बजाकर किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे.
किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है और धीरे धीरे उग्र होता जा रहा है. कांग्रेस प्रदर्शन करने वाली है. तो सपा भी गांव-गांव जाकर किसानों के समर्थन में उन्हें आंदोलन से जोड़ने का काम करने का प्लान बना रही है. इस बीच खबर ये भी है कि जो किसान कृषि बिल के समर्थन में हैं, उनका एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री से मुलाकात करेगा.
किसान आंदोलन के बीच राष्ट्रीय किसान दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंति को राष्ट्रीय किसान दिवस के तौर पर मनाते हैं. इस मौक पर रक्षा मंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौधरी चरण सिंह की प्रेरणा से किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं.
किसान आंदोलन के बीच राष्ट्रीय किसान दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंति को राष्ट्रीय किसान दिवस के तौर पर मनाते हैं. इस मौक पर रक्षा मंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौधरी चरण सिंह की प्रेरणा से किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं.
किसान आंदोलन के बीच राष्ट्रीय किसान दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंति को राष्ट्रीय किसान दिवस के तौर पर मनाते हैं. इस मौक पर रक्षा मंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौधरी चरण सिंह की प्रेरणा से किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं.
किसान आंदोलन के बीच राष्ट्रीय किसान दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंति को राष्ट्रीय किसान दिवस के तौर पर मनाते हैं. इस मौक पर रक्षा मंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौधरी चरण सिंह की प्रेरणा से किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को किसानों से बातचीत के मुद्दे पर कहा कि ' मुझे आशा है कि जल्दी ही उनका विचार विमर्श पूरा होगा और हम उनसे चर्चा करके समाधान निकालेंगे. मंगलवार को भी किसान क़ानून का समर्थन कर रहे दो किसान संगठनों से कृषि मंत्री ने मुलाक़ात की. दोनों संगठनों ने कृषि मंत्री को ज्ञापन देकर कृषि क़ानून को वापस नहीं करने और जल्द लागू करने की मांग की.
कृषि बिल के खिलाफ दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है. केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजी गई चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला लेंगे. मंगलवार को सहमति न होने की वजह से आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से बैठक होगी. इस बीच किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अडिग हैं. अलग अलग बॉर्डर पर किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है, भूख हड़ताल का आज तीसरा दिन है. किसान संगठनों ने देश के किसानों से आज एक वक्त खाना ना खाने का आह्वान भी किया है.
सिंघु बॉर्डर पर ब्लड डोनेशन कैम्प में किसान खून दानकर रहे हैं. यह खून पंजाब के अस्पतालों को भेजा जा रहा हैं मरीज़ों को इस्तेमाल करने के लिए. साथ ही खून देने वाले PM मोदी को अपने खून से पत्र भी लिख रहे हैं .
अन्ना हजारे ने किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है. अन्ना हजारे ने लिखा, ''कृषि मंत्री ने जो आश्वासन दिया था लिखित में जो आश्वासन दिया था उसे पालन नहीं किया. इसलिए अब आखरी अनशन फिर से शुरू करूंगा कहां करना है, जगह मिलने पर दिल्ली में मुंबई में या मेरे गांव में यह मैं बताऊंगा. इस लेटर से दिल्ली में हलचल है इसलिए कल कुछ नेताओं को मिलने के लिए भेजा था. मैंने भी उनको अपनी बात बताएं, वह मेरी बात लेकर गए हैं. उन्होंने कहा है थोड़ा सा समय दीजिए आपको आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अन्ना ने कहा कि अगर आपने बात नहीं मानी तो आखरी अनशन होगा.
दिल्ली की सीमा पर पहुंचे किसानों के आंदोलन का 27 वां दिन है लेकिन इन सबके बीच अब वह आंकड़े भी सामने आ रहे हैं जिसमें अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं कि किसान आंदोलन के चलते कितना नुकसान हुआ है. ऐसा ही एक आंकड़ा जारी किया है कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने. कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट के आंकड़े के मुताबिक किसान आंदोलन से अब तक करीब 14,000 करोड रुपए के व्यापार का नुकसान हो चुका है. दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार का बड़ा नुक़सान हो चुका है. किसान आन्दोलन के चलते व्यापार को हो रहे करोड़ो रुपये के नुकसान का हवाला देते हुए कैट ने किसान नेताओं और केंद्र सरकार से अपील करते हुए बातचीत के द्वारा इस मसले को तुरंत सुलझाने की मांग की है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट ने कहा- हमें कृषि मंत्री की ओर से कोई निमंत्रण नहीं मिला है. किसानों ने तय किया है कि जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं ले लेती, यहां से वापस नहीं जाएंगे. मुद्दा सुलझाने में एक महीने से ज्यादा का समय लग सकता है. सरकार हमारे पास आएगी. हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं पहुंचा रहे हैं. कल किसानों ने यहां से गुजर रहे लोगों से कुछ देर बात की थी, रास्ता नहीं रोका था. किसानों ने लोगों से कहा कि आप अपने घर पर किसानो के मुद्द् पर बात करें.
आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह बंद कर दिया है. पहले गाजियाबाद से दिल्ली के लिए रास्ता पहले से बंद कर दिया था. आज किसानों ने दिल्ली से गाजियाबाद का रास्ता भी बंद कर दिया. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एडिशनल सीपी आउटर रेंज ने बताया कि ट्रैफिक को निजामुद्दीन खट्था, अक्षरधाम और गाजीपुर चौक की तरफ डायवर्ड किया गया है. इसके आगे की सात्रा आनंद विहार, अप्सरा, भोपरा और डीएनडी से होकर की जा सकती है.
दिल्ली- नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन का आज 22 वां दिन है. कृषि कानून के खिलाफ किसान चिल्ला बॉर्डर पर बैठे हैं. चिल्ला बॉर्डर पर किसानों की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है. आज भी 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं, कल भी 11 किसान बैठे थे. संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाली बैठक में लिए जाने वाले निर्णय चिल्ला बॉर्डर पर किसानों को इंतेज़ार है.
दिल्ली- नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन का आज 22 वां दिन है. कृषि कानून के खिलाफ किसान चिल्ला बॉर्डर पर बैठे हैं. चिल्ला बॉर्डर पर किसानों की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है. आज भी 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं, कल भी 11 किसान बैठे थे. संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाली बैठक में लिए जाने वाले निर्णय चिल्ला बॉर्डर पर किसानों को इंतेज़ार है.
किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, ''मोदी जी, इनकम टैक्स, CBI, ED के अलावा भी कुछ पता है आपको? पंजाब के बाद अब हरियाणा के आढ़तियों को आयकर नोटिस थमाकर आप क्या दिखाना चाहते हैं? सरकार का काम नोटिस नही, न्याय देना है. न किसान डरेगा, न आढ़ती. ये उत्पीडन बहुत महंगा पड़ेगा आपको.''
पंजाब में इनकम टैक्स विभाग द्वारा आढ़ती एसोसिएशन के प्रमुख के घर और दूसरे आढ़ती के घर पर रेड के कारण आज से से शनिवार तक पूरे पंजाब की मंडियां बंद रखी जाएगी. किसान आंदोलन को आर्थिक मदद देने के कारण आढ़तियों के खाते जांचे जा रहे हैं, इसको लेकर गुस्सा है. पंजाब में आढ़तियों ने कहा है कि विरोध स्वरूप हड़ताल करेंगे और कपास की मंडियों में आ रही फसल अब नहीं ख़रीदेंगे.
महाराष्ट्र के विभिन्न संगठन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये आज मुंबई में 'अंबानी कॉरपोरेट हाउस' के बाहर मार्च आयोजित करेंगे. किसान संगठन के लोग दोपहर 12 बजे बांद्रा(ई) कलेक्टर ऑफिस पर इकट्ठे होंगे और फिर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित अम्बानी कॉरपोरेट कॉम्प्लेक्स तक मार्च करेंगे. पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमानी शेतकरी संघटना (एसएसएस) के अलावा प्रहार संघटना, फार्मर्स एंड पीजेन्ट पार्टी और लोक संघर्ष मोर्चा भी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे.
बैठक में केंद्र सरकार के बातचीत के न्योते को लेकर निर्णय की उम्मीद है. वहीं किसान संगठनों ने सोमवार से क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरु कर दी है जो आज भी जारी रहेगी. दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां प्रदर्शन चल रहा है, वहां 11-11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. 24 घंटे बाद 11 दूसरे किसान आज इस सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे.
कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के आंदोलन को महीना भर होने वाला है हालांकि अभी तक सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध बरकरार है. वहीं अगले दौर की बातचीत को लेकर सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर किसान संगठन आज बैठक करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आज सुबह 10 बजे सिंघु बॉर्डर पर होगी.
किसान नेता बीएम सिंह ने कहा, 'हमारी आज भी अधिकारियों से वार्ता हुई, कल भी होगी. हमारी ट्रैक्टर ट्रॉली रोकी जा रही है, रास्ते में अपमानित किया जा रहा है, कहीं पुलिस वाले ट्रैक्टर की चाबी ले रहे हैं, कहीं कागज ले रहे हैं, ये काम नहीं होना चाहिए. किसान अपनी पीढ़ा लेकर मोदी साहब के पास आ रहे हैं उन्हें रोका ना जाए. किसान को अपनी फसल का रेट नहीं मिलता, परेशान है वो.'
कल अंबानी के घर के बाहर पहुचेंगे किसान
किसान नेता बीएम सिंह ने कहा, 'हमारी बात तो सरकार नहीं मानती, हम मानते हैं ये बिल कॉरपोरेट के लिए लाए गए हैं. कल किसान नेता राजू शेट्टी और मै मुंबई में अंबानी जी से विनती करने जाएंगे कि कम से कम अन्नदाता के लिए अपने दोस्त मोदी से कहिए ये बिल वापस कर लो. ये भूख हड़ताल भी ये बताने के लिए है कि किसान खुद भूखा रहता है, देश को खिलाता है.'
केंद्रीय मंत्री ने किसानों के समाधान निकलने की उम्मीद जताई
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा, 'कल किसानों को पत्र (बातचीत के लिए) गया है. सरकार लगातार प्रस्ताव भेजती रही है. मुझे उम्मीद है कि आज किसान इस पर सकारात्मक रुख लेंगे, दोबारा बातचीत शुरू होगी और समाधान निकलेगा.'
राकेश टिकैत ने कहा- रणनीति तो अब सरकार को बनानी है
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दो टूक कहा, 'सरकार की तरफ से अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है. न ही बातचीत का कोई प्रस्ताव आया है. हम MSP पर कानून बनाने की बात कर रहे हैं. हम आगे की रणनीति क्या बनाएंगे, हम तो यहीं रहेंगे. रणनीति तो अब सरकार को बनानी है.'
किसानों के समर्थन में उतरे कलाकार
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कलाकार भी उतर रहे हैं. मशहूर कव्वाल साबरी सूफी ब्रदर्स ग्रुप 1500 कंबल किसानों को दिए हैं और साथ ही 1500 पैकेट खाने की सामग्री भी दी. हालांकि ये पहली दफा नहीं जब कोई कलाकार किसानों के समर्थन में आया हो. इससे पहले पंजाब के मशहूर गायक दिलजीत दोसांज, बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर, हरियाणा और देशभर के विभिन्न हिस्सों के मशहूर कलाकार भी किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दे चुके हैं.
दिल्ली के लिए कौन-कौन से रास्ते खुले हैं
आंदोलन के चलते सिंघु, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. लोगों से लामपुर, सफियाबाद और सिंघु स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर से होकर वैकल्पिक मार्ग पर जाने को कहा गया है. मुकरबा और जीटी रोड से यातायात परिवर्तित किया गया है, इसलिए लोग आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें. टिकरी, ढांसा बॉर्डर भी यातायात के लिए बंद हैं. झटीकरा बॉर्डर केवल एक या दो-पहिया वाहन और राहगिरों के लिए खुला है. चिल्ला बॉर्डर केवल दिल्ली से नोएडा जाने वाले लोगों के लिए खुला है. नोएडा से दिल्ली आने वाला मार्ग बंद है.
किसानों ने एक दिन की भूख हड़ताल शुरू की
हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करे रहे किसानों ने कड़ाके की ठंड के बीच सुबह एक दिन की भूख हड़ताल शुरू कर दी. किसान नेताओं के अनुसार प्रदर्शन कर रहे किसान अलग-अलग समूहों में भूख-हड़ताल करेंगे और पहले समूह में 11 लोग होंगे.
बुराड़ी के संत निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी
दिल्ली के बुराड़ी के संत निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान संयुक्त मोर्चा के रामपाल सिंह ने बताया, "इस संघर्ष को 3-4 महीने हो चुके हैं, पहले हमने ये संघर्ष पंजाब में लड़ा और अब दिल्ली में लड़ रहे हैं. जब तक ये कृषि कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे."
केंद्र सरकार ने किसानों से दोबारा मीटिंग रखने का दिन और समय तय करने के लिए लिखित प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव पर किसान संगठन आज फैसला करेंगे कि कब कितने बजे सरकार के पास जाना है. किसान नेता डाक्टर सतनाम सिंह ने कहा, 'सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है. सरकार ने हमें जात-पात पर बांटने की बहुत कोशिश की. जब उनका जोर नहीं चला तब कल प्रधानमंत्री रकाबगंज गुरुद्वारे गए. हम जब भी बातचीत के लिए जाते हैं हमेशा उम्मीद के साथ जाते हैं लेकिन अगर इस बार भी नहीं माने तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा.'
किसान नेता डाक्टर सतनाम सिंह ने कहा, "सुबह 11 बजे 11 किसान मंच पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे. मंगलवार सुबह 11 बजे तक बैठेंगे. देशभर में 100 जगहों पर इस तरह 24 घंटे भूख हड़ताल होगी. कल सुबह 11 बजे दूसरे 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे. यह भूख हड़ताल रोटेशनल होगी. इस तरीके से 3 दिन की भूख हड़ताल होगी."
प्रदर्शनकारी किसानों का ऐलान- अब हर दिन 11 लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 26वें दिन भी जारी है. BKU पंजाब के सचिव बलवंत सिंह ने कहा, "आज से यहां हर रोज 11 लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे. इस प्रकार हम बताना चाह रहे हैं कि सरकार हमारी मांग नहीं मान रही है और हम इस तरह से अपनी मांग मनवाएंगे."
किसान बिल के समर्थन में गाजियाबाद पहुंचे सैकड़ों किसान
नए किसान बिल को रद्द कराने की मांग को लेकर जहां 25 दिनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान बैठे हैं वहीं अब किसान बिल के समर्थन में कई किसान मैदान में उतर गए हैं. इंदिरापुरम, गाजियाबाद के रामलीला ग्राउंड में किसान बिल के समर्थन में कई किसान उतरे हैं जिसे लेकर सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है. जानकारी के मुताबिक इस रैली में 400 ट्रैक्टर और ट्राली से किसान मेरठ से गाजियाबाद पहुंचे है. ज्यादातर किसान मेरठ, मुज्जफरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, बागपत, बुलंदशहर से आए हैं.
आज महाराष्ट्र से दिल्ली के लिए रवाना होंगे किसान
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) भी जुड़ेगा. किसान रैली आज नासिक से शुरू होगी और 22 दिसंबर को धुले में एक जनसभा होगी. किसान 1266 किमी की यात्रा कर दिल्ली पहुंचेंगे और 24 दिसंबर को प्रदर्शन में शामिल होंगे. किसान अपने साथ राशन लेकर आएंगे ताकि अधिक समय तक ठहर सकें. किसान दोपहर 1 बजे दिल्ली के लिए निकलेंगे.
यूपी गेट पर आज चलेगा लंगर
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा यूपी गेट पर आज लंगर चलेगा. उसके लिए सामान की व्यवस्था शामली जिले के 60 गांव से होगी सुबह 8 बजे गांव से राशन लाना शुरू हो जाएगा. ये राशन ट्रैक्टर ट्रॉली में रखकर आज यूपी दिल्ली गेट पर किसानों के साथ रैली में जाएगा.
कृषि मंत्री तोमर से मिले किसानों ने नए कानून का किया समर्थन
किसानों की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से खेतिहर मजदूरों और किसानों के एक संगठन के प्रतिनिधियों ने रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर नए कृषि कानूनों का समर्थन किया. मजदूरों और किसानों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने वाले संगठन हिंद-मजदूर किसान समिति के बैनर तले उत्तर प्रदेश के कुछ किसान प्रतिनिधियों ने यहां कृषि-भवन में केंद्रीय मंत्री तोमर से मिलकर उनको एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया है.
"आंदोलनकारी 33 किसानों की मौत पर प्रधानमंत्री चुप क्यों"
26 नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों में से 33 की मौत के लिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की 'चुप्पी' पर सवाल उठाए. अखिल भारतीय किसान सभा ने रविवार को आंदोलनकारी 33 किसानों की मौत पर 'श्रद्धांजलि दिवस' मनाया. इन किसानों की मौत दुर्घटनाओं, बीमारी या ठंड के कारण हुई.
"राहुल गांधी को क्या पता 6 हजार रुपये का महत्व"
केंद्रीय कृषि किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि "किसानों के कंधे पर बंदूक रख वार किए जा रहे हैं." चौधरी ने कहा कि 'पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खाते में 6,000 रुपये डाले जा रहे हैं. राहुल गांधी सहित कांग्रेस के लोगों को क्या पता है कि जरूरत के समय किसानों के लिए 6,000 रुपये का क्या महत्व होता है.' मंत्री ने आंदोलन की राह पकड़े किसानों को नसीहत देते हुए कहा, "जो लोग किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं, वे लोग जब सरकार में रहे तो किसानों के लिए क्या किया, यह किसानों को याद रखना चाहिए."
"चंद लोग राजनीतिक कारणों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं"
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि चंद लोग "राजनीतिक कारणों" से इन अधिनियमों का विरोध कर रहे हैं. खट्टर ने कहा कि 'लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी को अपने विचार रखने का अधिकार है लेकिन सड़क बंद कर दबाव बनाने के लिए कोई जगह नहीं है. केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. चंद लोग राजनीतिक कारणों से इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं जिन्हें मैं किसानों का प्रतिनिधि नहीं कहूंगा.'
आज 'रिले हंगर स्ट्राइक' करेंगे आंदोलनकारी किसान
किसानों ने देशभर में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों से प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की भूख हड़ताल करने का आह्वान किया है. आंदोलनरत किसान संगठनों ने घोषणा की है कि किसान आज सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन का रिले हंगर स्ट्राइक (भूख हड़ताल) करेंगे. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला ने बताया कि किसान 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे.
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: कृषि बिल के खिलाफ दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है. केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजी गई चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला लेंगे. मंगलवार को सहमति न होने की वजह से आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से बैठक होगी. इस बीच किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अडिग हैं. अलग अलग बॉर्डर पर किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है, भूख हड़ताल का आज तीसरा दिन है. किसान संगठनों ने देश के किसानों से आज एक वक्त खाना ना खाने का आह्वान भी किया है.
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के 32 किसान यूनियनों ने बैठक की और आगे के कदम के बारे में विचार विमर्श किया. उन्होंने कहा कि देश भर के किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा. संधू ने कहा कि वे ब्रिटेन के सांसदों को भी पत्र लिखेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर दबाव डालें. जॉनसन अगले महीने होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने रविवार को 40 किसान यूनियनों के नेताओं को पत्र लिख कर कहा था कि वे कानूनों में संशोधन के उसके पहले के प्रस्ताव पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट करें और अगले दौर की बातचीत के लिए किसी सुविधाजनक तारीख का चुनाव करें ताकि चल रहा आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो सके.
सरकार और किसानों के बीच कब-कब बातचीत हुई
सबसे पहले अक्टूबर में पंजाब के किसान संगठनों के नेताओं के साथ 14 अक्टूबर को कृषि सचिव से वार्ता हुई थी. इसके बाद 13 नवंबर को यहां विज्ञान-भवन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी वार्ता हुई, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश मौजूद थे.
सरकार के साथ तीसरे, चौथे और पांचवें दौर की वार्ताएं क्रमश: एक दिसंबर, तीन दिसंबर और पांच दिसंबर को विज्ञान भवन में ही हुईं, जिनमें तीनों मंत्री मौजूद थे. इसके बाद आठ दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद सरकार की ओर से किसान संगठनों के नेताओं को कानूनों में संशोधन समेत अन्य मसलों को लेकर सरकार की ओर से एक प्रस्ताव नौ दिसंबर को भेजा गया, जिसे उन्होंने नकार दिया दिया था.