RSS नेता इंद्रेश कुमार ने कहा- तीन तलाक पर दंगा नहीं हुआ तो अयोध्या पर भी नहीं होगा
अयोध्या भूमि विवाद पर अगले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और ऐसे में साफ है कि मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की संविधान पीठ उससे पहले ही अपना फैसला सुना देगी.
नई दिल्ली: अयोध्या मामले में इस महीने 17 तारीख से पहले कभी भी फैसला आ सकता है. फैसले को लेकर पार्टी और नेताओं की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसमें अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की भी एंट्री हो गई है. आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अयोध्या में चार-पांच सौ साल पुराना फसाद अब निपटने में कुछ ही दिन और घंटे बाकी हैं. जो भी फैसला आएगा, वह किसी की न तो जीत होगी और न ही किसी की हार होगी, इसे मजहब से भी जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. देश में हिंदू-मुस्लिम सहित हर जाति-धर्म के लोग पहले खुद को भारतीय मानते हैं, हर कोई देश में शांति चाहता है.
संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा, "जब 8.40 करोड़ महिलाओं को जुल्म से और 8.62 करोड़ पुरुषों को जहन्नुम से बचाने वाला तीन तलाक कानून आया था तो यह मुस्लिमों के अंदर का फैसला था, तब भी कुछ लोगों ने इसे हिंदू-मुस्लिम बनाने की कोशिश की थी, मगर बिना किसी दंगे के यह फैसला निकल गया."
इंद्रेश कुमार ने कहा, "इसी तरह जब अयोध्या केस में हाईकोर्ट ने जमीन को बांटा था, तब भी भावनाएं भड़काने की कोशिश हुईं थीं. मगर जनता भय, भ्रम में आकर भड़की नहीं, जिससे सौहार्दपूर्ण तरीके से मामला कानूनी प्रक्रिया में चला गया. ऐसे कई फैसले इस बात का सुबूत हैं कि देश की जनता अमन, भाईचारा और तरक्की चाहती है." उन्होंने कहा कि कुछ लोग भय, भ्रम फैलाकर लोगों को भड़काना चाहते हैं, मगर लोग उनके चक्रव्यूह में नहीं फंसने वाले.
इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुसलमान भी चाहते हैं कि उनके साथ संवाद हो. सच तो यह है कि पिछले एक हजार वर्षो से मुसलमानों के साथ संवाद नहीं हुआ और अगर हुआ भी तो वह सफल नहीं हुआ. मगर पिछले 20 वर्षो से शुरू हुआ संवाद अब परिपक्वता की ओर बढ़ रहा है.
इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में वर्ष 2002 से चलने वाली मुस्लिम राष्ट्रीय मंच नामक संस्था मुस्लिमों को संघ के करीब लाने की दिशा में काम कर रही है. अयोध्या केस में संभावित फैसले के मद्देनजर सौहार्द कायम करने के लिए यह संस्था जगह-जगह शांति कमेटी की बैठकें कर रही है.
इंद्रेश कुमार ने कहा, "अयोध्या पर जो भी फैसला आएगा, वह किसी की जीत-हार नहीं होगा. यह मजहब का भी नहीं होगा, आने वाला फैसला, कड़वाहट से निकलने का सुंदर रास्ता होगा. फैसले को लेकर अब कुछ दिन और घंटे की प्रतीक्षा है."
फैसले के मद्देनजर राज्य में धारा 144 लागू
अयोध्या मामले पर फैसले के मद्देनजर पूरे राज्य में धारा 144 लागू है. धार्मिक संगठन और नेता लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. बीजेपी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की है. अयोध्या के जिलाधिकारी ने भी 30 बिंदुओं वाला एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कई तरह की रोक लगाई गई है, जिसमें सार्वजनिक या निजी स्थान पर कार्यक्रम आयोजित कर कुछ ऐसा करना जिससे भावनाएं भड़के, शस्त्र उपयोग पर प्रतिबंध, तेज़ाब या कोई और विस्फोटक की श्रेणी के आने वाली वस्तु और कंकड़ पत्थर को इकट्ठा करने पर प्रतिबंध, किसी को भी बिना अनुमति किसी तरह का विजयोत्सव निकालने पर प्रतिबंध, लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध, सोशल मीडिया पर कुछ भी अपमानजनक लिखने पर कड़ाई की जाएगी और मंदिर/मस्ज़िद के नाम पर कुछ भी भड़काऊ कार्यक्रम करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.