नई दिल्ली: मंदी की मार झेल रहे भारत को आर्थिक मोर्चे पर एक और बड़ा झटका लगा है. अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटातक 'स्टेबल' से 'नेगेटिव' कर दी है.  इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अर्थव्यवस्था का बेहद धीमी गति से बढ़ना और लगातार बढ़ता सरकार का कर्ज माना गया है.


भारत में चल रही मंदी लंबी अवधि वाली है- मूडीज


मूडीज का मानना है कि भारत में चल रही मंदी लंबी अवधि वाली है. मूडीज के अनुमान के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में बजट घाटा सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से बढ़कर 3.7 फ़ीसदी पर पहुंचने का अनुमान है. इसकी सबसे बड़ी वजह धीमी बढ़ोतरी दर और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती है.


2020 में अर्थव्यवस्था 7 फ़ीसदी की दर से बढ़ेगी- वित्त मंत्रालय


वहीं, मूडीज की तरफ से भारत की रेटिंग घटाए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी के साथ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. आईएमएफ ने अपने हालिया वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक में कहा है कि साल 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर  से बढ़ेगी, जबकि 2020 में अर्थव्यवस्था 7 फ़ीसदी की दर से बढ़ेगी.


वित्तीय क्षेत्र के लिए तमाम कदम उठाए गए- वित्त मंत्रालय


वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं. साथ ही वित्तीय क्षेत्र के लिए भी तमाम कदम उठाए गए हैं. वैश्विक मंदी के चलते भारतीय सरकार ने बहुत से नीतिगत फैसले भी लिए हैं. इन सब के चलते भारत में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा और निवेश को गति मिलेगी.


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