वेद, पुराण और रामायण में राम और अयोध्या का उल्लेख मिलता है: महंत बालक दास
भारत की भूमि देव भूमि है. यहां पर भगवान अवतार लेते हैं. भगवान राम का नाम दो अक्षरों से है जिसका अर्थ रा से राष्ट्र और म से मंगल राम है. राष्ट्र का मंगल करने वाले ही श्री राम हैं.
वाराणसी: व्यास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रख्यात राम कथा वाचक महंत बालक दास ने श्री राम का अयोध्या से संबंध बताते हुए कहा कि हर वेद, पुराण और रामायण में राम और अयोध्या का उल्लेख मिलता है. साथ ही पूरी दुनिया में से भारत ही वह भूमि है जहां भगवान ने अवतार लिया है.
व्यास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत बालक दास का कहना है कि पूरे विश्व में भारत ही एक ऐसा अद्भुत देश है जहां पर समय-समय पर परमात्मा का अवतार हुआ है. दुनिया के किसी दूसरे देश में भगवान ने अवतार नहीं लिया है. साथ ही इसकी चर्चा भी कहीं पर भी सुनने को नहीं मिलती है. भारत की भूमि देव भूमि है. यहां पर भगवान अवतार लेते हैं. भगवान राम का नाम दो अक्षरों से है जिसका अर्थ रा से राष्ट्र और म से मंगल राम है. राष्ट्र का मंगल करने वाले ही श्री राम हैं.
भारत की भूमि से भगवान श्री कृष्ण को भी प्रेम है. उन्होंने कहा कि भा का मतलब भारत और रत का प्रेम है. जिस भूमि से भगवान को प्रेम है वही भारत है. भगवान ने जब भी अवतार लिया है तो इसी धरा पर लिया है. इसीलिए भारत से भगवान का बहुत बड़ा संबंध है. यहां पर ऋषि-मुनियों ने तपस्या की है. यह भूमि ऋषि मुनियों की भूमि है. भगवान का यहां वास होता है. भगवान इसी पावन भूमि पर अवतार लेते हैं. जब-जब पाप बढ़ता है तो भगवान रूद्र शरीर में अवतार लेते हैं.
राम जी के जन्म का हित यही है कि वह संसार में संस्कृति स्थापित करते हैं और विनाशकारी और दुर्बुद्धि लोगों का विनाश करते हैं. साथ ही लोगों की रक्षा करते हैं. महंत बालक दास ने कहा कि ये बात जग जाहिर है कि भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्म अयोध्या में हुआ है. सभी शास्त्रों में वेदों में पुराणों में रामचरितमानस में बाल्मीकि रामायण में हर ग्रंथ में भगवान रामचंद्र जी का वर्णन आता है. यह केवल हम नहीं भारत के छोटे से बच्चे से भी पूछा जाएगा तो वह भी सरलता से बता देगा कि भगवान का जन्म अयोध्या में हुआ था.