मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है. इस बीच सरकार बनाने की भी कवायद चल रही है. इसी सिलसिले में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुंबई के एक होटल में मिले. ठाकरे ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण, माणिकराव ठाकरे और बालासाहेब थोराट से करीब एक घंटे तक चर्चा की.


उद्धव ने मुलाकात के बाद कहा, ‘‘सब कुछ ठीक चल रहा है. बातचीत सही दिशा में चल रही है और उचित समय आने पर फैसले की घोषणा की जाएगी.’’ ठाकरे के साथ आए शिवसेना के लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता फैसले के बारे में उचित सूचना देंगे.’’ शिवसेना अध्यक्ष के करीबी सहायक विनायक राउत और मिलिंद नार्वेकर, ठाकरे के होटल से रवाना होने के बाद भी कांग्रेस नेताओं के साथ थे.


सरकार पर कांग्रेस की राय
कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर और अपने मूल सिद्धांतों व मूल्यों को बनाए रखते हुए महाराष्ट्र में शिवसेना व एनसीपी के साथ सरकार बनाने में अपनी मुख्य भूमिका निभाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर जल्द ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ विचार विमर्श करेगा.


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उन्होंने कहा, ‘‘ इस पर दिल्ली में कांग्रेस की कार्यसमिति में चर्चा हुई जहां पार्टी नेताओं ने अपनी राय व नवनिर्वाचित विधायकों के सुझावों से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अवगत कराया. यह तय किया गया कि कांग्रेस अपने मूल मूल्यों और सिद्धांतों पर बने रहते हुए, महाराष्ट्र में नयी सरकार के गठन में समर्थन करेगी ताकि बीजेपी को दूर रखा जा सके.’’


मुख्यमंत्री की कुर्सी
अस्पताल से दोपहर एक बजे के आसपास रवाना होते समय राउत ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा.’’


एनसीपी ने बनाई कमेटी
एनसीपी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के वास्ते शिवसेना के साथ संभावित गठबंधन से पहले ‘साझा न्यूनतम कार्यक्रम’ पर फैसला लेने के लिए कांग्रेस के साथ बनाई जाने वाली संयुक्त समिति के लिए अपने पांच सदस्यों को बुधवार को नामित किया. एनसीपी के विधायक दल के नेता अजीत पवार, उसकी महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल, पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, मुंबई इकाई के अध्यक्ष नवाब मलिक और राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे समिति का हिस्सा होंगे.


महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केन्द्र को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा हालात में राज्य में स्थिर सरकार के गठन के तमाम प्रयासों के बावजूद यह असंभव प्रतीत होता है.


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गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. वहीं एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की.


सत्ता में साझेदारी को लेकर बीजेपी-शिवसेना में मनमुटाव होने के बाद गठबंधन सहयोगी अलग हो गए और शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ दिया. अब शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है.