मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक परिस्थिति पल-पल बदल रही है. आज शाम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी के अन्य नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और कहा कि सरकार बनाने के लिए बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. इसके ठीक बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया. शिवसेना को कल शाम 7.30 बजे तक का वक्त दिया गया है. सूबे की विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो चुका है.


राज्यपाल ने शनिवार को बीजेपी को सरकार गठन के लिए बुलाया था लेकिन संख्याबल की कमी के कारण बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया. बीजेपी नेताओं ने आज राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में सहयोगी शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है. बीजेपी ने कहा, ''अगर शिवसेना कांग्रेस और राकांपा के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बनाना चाहती है तो उसे शुभकामनाएं.''


बीजेपी के बयान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा कि पार्टी किसी भी कीमत पर राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. राउत ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा. उद्धव ठाकरे ने रविवार को पार्टी विधायकों से कहा कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा.’’


महाराष्ट्र में बीजेपी ने सरकार बनाने से किया इनकार, राज्यपाल से कहा- हमारे पास नंबर नहीं


बता दें कि महाराष्ट्र में किसी भी एक दल को सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. चुनाव में बीजेपी और शिवसेना साथ चुनाव लड़ी थी और गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग उठा दी. बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद से समझौता करने से इनकार कर दिया और कहा कि दोबारा भी देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे.


किसे मिली है कितनी सीटें?
बीजेपी ने कुल 288 सीटों में से 105 सीटें जीती थी. सरकार गठन के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है. शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 44 जबकि एनसीपी ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की है. महाराष्ट्र में इस बात की चर्चा खूब चल रही है कि शिवसेना शरद पवार की पार्टी एनसीपी से समर्थन मांगेगी और कांग्रेस दोनों गठबंधन को बाहर से समर्थन देगी.


शिवसेना को समर्थन देने को लेकर कांग्रेस-एनसीपी का कहना है कि पहले उद्धव ठाकरे एनडीए से पूरी तरह नाता तोड़ें उसके बाद गठबंधन किया जाएगा. वहीं शिवसेना के उच्च सूत्रों मुताबिक, पार्टी चाहती है कि पहले एनसीपी कांग्रेस, मुख्यमंत्री के लिए शिवसेना को समर्थन का एलान करे, उसके बाद शिवसेना एनडीए से बाहर आने का एलान करेगी.


कांग्रेस ने कहा- सरकार बनाने के पक्ष में हैं


कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रूख को लेकर आला-कमान से सलाह लेंगे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जयपुर में हैं. हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे. पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है.’’ चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं.


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