अयोध्या: अयोध्या मामले पर आए फैसले का सभी ने स्वागत किया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला को देने के साथ ही 5 एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को देने की घोषणा की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन अब केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे. पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए. फैसले के बाद से जहां एक ओर कुछ दुकानें बिना ग्राहकों के खुली रहीं, वहीं पांच हजार से अधिक भक्तों ने अब 'विवादित स्थल' नहीं रहे अस्थायी राम मंदिर तक यात्रा कर दर्शन किए.
अयोध्या शहर में रविवार को भी प्रवेश पर प्रतिबंध रहा. पुलिस पहचान-पत्र और पूरी तलाशी लेने के बाद ही लोगों को शहर में प्रवेश की इजाजत दे रही थी. हनुमान गढ़ी के पास एक टेलर की दुकान के मालिक अनुराग शुक्ला ने कहा कि चूंकि सभी सड़कें ब्लॉक हैं, इसलिए लोग आशंका के कारण बाहर नहीं आ रहे हैं.
रसिक निवास मंदिर के महंत रघुवर शरण ने कहा, "सुरक्षा बलों की मौजूदगी से इतना प्रचार हुआ कि आस-पास के क्षेत्रों के लोग, जो रोजाना मंदिरों के दर्शनों के लिए शहर का दौरा करते हैं, अयोध्या आने में संकोच कर रहे हैं."
पुलिस अभी भी हाई अलर्ट पर है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आशुतोष पांडे और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. पी. अग्रवाल ने कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रविवार को क्षेत्र के चक्कर लगाए और शहर भर में तैनात अधिकारियों से बात की.
अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने कहा कि वे अभी भी प्रत्येक प्रमुख बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं, सुरक्षाकर्मी अभी भी अलर्ट पर हैं और सुरक्षा अवरोध सक्रिय हैं.
उन्होंने कहा, "हमारे लिए अगली सबसे बड़ी चुनौती कार्तिक पूर्णिमा का मेला है जो सोमवार से शुरू हो रहा है और इसमें दस लाख से अधिक श्रद्धालु भाग लेंगे."
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