Kaam Ki Baat: आपके छोटे-बड़े हर ट्रांसैक्शन पर है सरकार की नजर, Annual Information Statement का नाम तो आपने सुना होगा!
Annual Information Statement: करदाता की सभी आर्थिक गितिविधियों का लेखा-जोखा रखने के लिए सरकार ने वार्षिक सूचना विवरण (AIS) लॉन्च की है. इसे फॉर्म 26 एएस (Form 26AS) का विस्तार कह सकते हैं.
How Government Track Your Financial Transactions: अगर आपको यह लगता है कि आपके बचत खाते (Savings Account) में 50-60 हजार की ‘मामूली लेन-देन’ होगी और आयकर विभाग वालों तक यह सूचना नहीं पहुंचेगी, तो आप गलत हैं. अब सरकार केवल आपके बड़े वित्तीय लेन-देन को ही नहीं बल्कि दो हजार रुपये के किराये को भी ट्रैक कर रही है. इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Indirect Tax Board) ने वार्षिक सूचना विवरण (Annual Information Statement) जारी की है.
क्या है एनुएल इंफॉर्मेंशन स्टेटमेंट?
वार्षिक सूचना विवरण वह दस्तावेज है जिसमें करदाता द्वारा वित्तीय वर्ष में की गई सभी आर्थिक गतिविधियों का विवरण होता है. एआईएस में स्पष्ट रूप से जिक्र होता है कि आपने किन किन स्रोतों से आय की है और किन पर कितना कर लगा है. इस स्टेटमेंट में आपके बड़े निवेश ही नहीं बल्कि सेविंग्स एकाउंट के छोटे-मोटे लेन-देन का भी विवरण होता है.
AIS और फॉर्म 26AS में क्या अंतर है?
आयकर विभाग के अनुसार एआईएस फॉर्म 26 एएस का एक्सटेंशन यानी विस्तृत रूप है. फॉर्म 26 एएस में करदाता द्वारा वित्तीय वर्ष में की गई संपत्ति खरीद, बड़े मूल्य के निवेश, टीडीएस/टीसीएस ट्रांसैक्शन आदि की जानकारी होती है. वहीं, इन जानकारियों का दायरा बढ़ाते हुए सरकार की ओर से एआईएस जारी किया गया है जिसमें करदाता को बचत खाते पर मिले ब्याज (savings account interest), लाभांश (dividend), किराया, अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री, सिक्युरिटीज की खरीद-बिक्री, विदेश से मिली राशि (Foreign Remittances), बैंक डिपॉजिट पर मिला ब्याज, जीएसटी टर्नोवर (GST Turnover) आदि का भी जिक्र होता है.
AIS में दे सकते हैं अपना फीडबैक
एआईएस की खासियत यह है कि आप इनकम टैक्स पोर्टल में लॉग-इन करके हर श्रेणी में अंकित सूचना पर अपना फीडबैक (AIS Consolidated Feedback File) दे सकते हैं जैसे-सूचना गलत है, सूचना सही है, सूचना ड्यूप्लिकेट है, सूचना किसी और पैन से संबंधित है, आदि. आपके इस फीडबैक के आधार पर आयकर विभाग द्वारा पुन: आपके एआईएस को संशोधित किया जाएगा. इसलिए जब आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें तो अपना एआईएस फॉर्म जरूर देखें. अगर आपके हिसाब से उसमें कोई सूचना गलत है या आधी-अधूरी है तो फीडबैक के माध्यम से आईटी डिपार्टमेंट को सूचित करें. जैसे ही एआईएस अपडेट हो, फिर उसी के आधार पर अपना आयकर रिटर्न दाखिल करें.
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