अक्सर लोग अपनी कीमती ज्वैलरी, डॉक्युमेंट्स और कीमती सामनों की सेफ्टी के लिए परेशान रहते हैं. इन कीमती सामनों के लिए बैंक आपको लॉकर की सुविधा देता है. बैंक के लॉकर में अपने कीमती सामानों को रखकर आप बेफिक्र रह सकते हैं. लेकिन कई लोगों के जहन में ये सवाल आता है कि बैंक में लॉकर कैसे ले सकते हैं और ये कितना सेफ होता है. आज हम आपको आपके इन्हीं सवालों का जवाब दे रहे हैं.


कैसे लें लॉकर
बैंक ग्राहकों को लॉकर की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. लेकिन बैंक में लॉकर लेना इतना आसान काम नहीं है. आरबीआई के नियमों के मुताबिक कोई भी किसी भी बैंक में खाता खुलवाए बिना भी लॉकर ले सकता है. हालांकि लॉकर के किराए और अन्य शुल्क के सिक्योरिटी डिपॉजिट की बात कहकर बैंक बिना खाता खुलवाए लॉकर देने में आनाकानी करते हैं. वहीं कुछ बैंक बड़ी रकम के फिक्सड डिपॉजिट का दबाव बना सकते हैं. एक रेंटल एग्रीमेंट के बाद आप बैंक में लॉकर ले सकते हैं. बैंक में लॉकर लेने के लिए उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए. लॉकर के साइज के हिसाब से उसका किराया निर्धारित किया जाता है.


नॉमिनी बनाना है जरूरी
बैंक में लॉकर खुलवाने के लिए नॉमिनेशन या ज्वाइंट ओनरशिप होना जरूरी है. अगर ग्राहक की मृत्यु हो जाती है तो जरूरी कागजी कार्रवाई के बाद उसका एक्सेस नॉमिनी को दे दिया जाता है.


ऐसे हमेशा के लिए बंद करवा सकते हैं लॉकर
अगर कोई ग्राहक अपना बैंक लॉकर हमेशा के लिए बंद करवाना चाहता है तो उसे लॉकर को सरेंडर करने के लिए अप्लाई करना होगा. साथ ही ग्राहक को लॉकर खाली करना पड़ेगा और इसकी चाबी बैंक को सौंपनी होगी. अगर बैंक ने आपसे लॉकर का किराया साल की शुरुआत में ही वसूल लिया है तो ये ग्राहको रिफंड कर दिया जाएगा.


इस बात का रखें ध्यान
हर बैंक लॉकर की दो चाबियां होती हैं. जिसमें से एक बैंक के पास रहती है और दूसरी ग्राहक को दी जाती है. अगर किसी वजह से ग्राहक के पास से चाबी खो गई या कहीं गिर गई तो ग्राहको को दूसरी चाबी पेनल्टी के बाद दी जाती है. जिससे वह अपना लॉकर खोल सकता है.


कितना सेफ है बैंक का लॉकर
बैंक लॉकर उतना ही सेफ होता है जितना की बैंक. हालांकि अगर बैंक में लूट चोरी की वारदात हो जाए या आग व बाढ़ की स्थिति हो जाए तो आपका लॉकर सुरक्षित नहीं रह सकता है. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि लॉकर आपके घर से ज्यादा सुरक्षित होते हैं. दरअसल बैंक द्वारा लॉकर की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाते हैं. बता दें कि वैसे तो बैंक आपके लॉकर को बिना आपकी अनुमति के नहीं खोल सकता है लेकिन सुरक्षा के लिहाज से हाई रिस्क वाले लॉकर्स को अगर एक साल तक ऑपरेट नहीं किया जाता है, तो बैंक ग्राहक को नोटिस भेजकर लॉकर का ताला तोड़ सकता है और ग्राहक से ही लॉकर को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए भी कह सकता है.


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