How Credit Card Minimum Due Amount Is Calculated: जब भी हमारा क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट (Credit Card Statement) आता है उसमें हमने किस तारीख को क्रेडिट कार्ड से कहां और कितना खर्च किया, उन सबका हिसाब होता है. स्टेटमेंट में इसका भी जिक्र होता है कि हमें क्रेडिट कार्ड कंपनी को कितना भुगतान करना है. इस राशि का भुगतान हम तीन तरीके से कर सकते हैं-



  • फुल पेमेंट: स्टेटमेंट में जितनी रकम का जिक्र है उसका तय तिथि या उससे पहले ही भुगतान कर दें.

  • मासिक किश्त (EMI Conversion): अगर राशि बहुत ज्यादा है तो हम उसे इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (Equated Monthly Instalment) में बांट कर भुगतान कर सकते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट तैयार होने से पहले ही क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करना होगा कि आप मंथली इंस्टॉल्मेंट का विकल्प चुन कर भुगतान करना चाहते हैं. स्टेटमेंट बन जाने के बाद उस महीने ईएमआई कन्वर्जन मुश्किल है.

  • न्यूनतम बकाया राशि (Minimum Due Amount): अगर हम पूरी राशि का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं और हमने अपने बिल को मंथली इंस्टॉल्मेंट में भी नहीं बंटवाया तो भी लेट पेमेंट के बचने के लिए हमारे पास MDA का विकल्प है. हम हर महीने अपने कुल बकाया राशि का अगर पांच फीसदी भी भुगतान कर दें तो हम पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा और क्रेडिट स्कोर भी खराब नहीं होगा.


न्यूनतम बकाया राशि कैसे तय की जाती है? 


न्यूनतनम बकाया राशि इन राशियों को जोड़कर तय की जाती है-



  1. कुल बकाया राशि का पांच फीसदी

  2. अगर आपने अपनी पेमेंट ईएमआई में बांटी है तो वह राशि

  3. पिछले क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि


इन तीनों को जोड़ कर महीने का मिनिमम ड्यू अमाउंट तय किया जाता है. किसी भी परिस्तथि में आपको कम से कम इस राशि का भुगतान तो करना ही होगा.


न्यूनतम बकाया राशि भुगतान के फायदे



  • आपका क्रेडिट कार्ड एक्टिव रहेगा. आप शेष क्रेडिट लिमिट तक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

  • आप पर देर से पेमेंट का जुर्माना नहीं लगेगा

  • क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा क्योंकि इस राशि का भुगतान करने पर बैंक आपको "डिफॉल्टर" नहीं मानेगा.


न्यूनतम बकाया राशि भुगतान के नुकसान


अगर आप हर महीने पूरी रकम का भुगतान न करके केवल न्यूनतम बकाया राशि का ही भुगतान करते हैं तो आपको कई वित्तीय नुकसान हो सकते हैं-



  • अगले महीने का बोझ बढ़ेगा: जिस महीने आपने केवल न्यूनतम बकाया राशि का भुगतान किया, उसके अगले महीने के स्टेटमेंट में शेष राशि को जोड़ दिया जाएगा.

  • क्रेडिट फ्री पीरियड का लाभ नहीं मिलेगा: किसी भी चीज के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो वह राशि बैंक को लौटाने के लिए क्रेडिट फ्री पीरियड दिया जाता है. यानी एक तय अवधि तक अगर आप बैंक को वह रकम नहीं भी लौटाते हैं तो आपको ब्याज नहीं देना होगा. लेकिन न्यूनतम बकाया राशि के मामले में आपको बकाया राशि पर ब्याज भी देना होगा क्योंकि अगले महीने आपको उस राशि पर क्रेडिट प्री पीरियड का लाभ नहीं मिल सकेगा.

  • कर्ज का जाल बढ़ता जाएगा: हर महीने केवल न्यूनतम बकाया राशि का भुगतान करते रहेंगे तो महीने दर महीने कुल बकाया राशि बढ़ती जाएगी. साथ ही उस पर ब्याज और टैक्स भी बढे़गा जो आप पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा.

  • क्रेडिट लिमिट में कटौती: बकाया राशि बढ़ते जाने से आपके कार्ड की सीमा भी कम हो जाएगी. तो अगर भविष्य में कोई इमरजेंसी हुई और आपने क्रेडिट लिमिट से ज्यादा खर्च कर दिया तो उस पर लगने वाला जुर्माना भी आपका वित्तीय बोझ बढ़ा देगा.


इसलिए, जब भी क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करें तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि अगले महीने वह रकम आप आराम से बैंक को लौटा सकेंगे. साथ ही कोशिश करें कि आप न्यूनतम बकाया राशि के विकल्प को कभी कभार ही चुनें और जितना हो सके हर महीने फुल पमेंट करें.


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