किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसका डेथ सर्टिफिकेट सबसे जरूरी होता है. लेकिन कई बार किसी परिवार के सदस्य की मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट के लिए कैसे अप्लाई किया जाता है और ये क्यों जरूरी होता है, इसकी जानकारी कई लोगों को नहीं होती है. आज हम आपको यही बताएंगे कि डेथ सर्टिफिकेट के लिए कैसे अप्लाई कर सकते हैं और ये कितना अहम दस्तावेज है.
ऐसे करें डेथ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई
किसी व्यक्ति की मौत के 21 दिन के अंदर इसे अप्लाई करना होता है और ये आम तौर पर चार से सात दिन के भीतर मिल जाता है.
मौत के 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रार ऑफिस में इसे दर्ज करना होता है, अगर आप 21 बाद अप्लाई करते हैं तो आपके पेनल्टी देनी होगा.
इसके लिए स्थानीय निकाय के ऑफिस से फॉर्म हासिल करें या नगर निगम की वेबसाइट से एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड कर लें.
फॉर्म भरकर जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ इसे रजिस्ट्रार/सब रजिस्ट्रार के पास सबमिट करवाएं.
इस फॉर्म में मृतक का निजी ब्योरा देने की जरूरत होती है.
जमा किए जाने वाले डॉक्युमेंट्स में मरने वाले का बर्थ सर्टिफिकेट, डेट ऑफ डेथ और टाइम बताने वाला एफिडेविट, राशन कार्ड की फोटोकॉपी, आधार कार्ड और NOC देने होंगे.
डेथ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करने वाले व्यक्ति को मृतक के साथ अपने संबंध मतलब रिश्ते का प्रूफ देना होगा. इसके अलावा एड्रेस और नेश्नेलिटी का सर्टिफिकेट भी दिखाना होगा.
कुछ स्टेट्स में डेथ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करने का प्रोसेस ऑनलाइन भी है.
क्यों जरूरी है डेथ सर्टिफिकेट
कई तरह के सामाजिक, कानूनी और आधिकारिक दायित्वों से मरने वाले व्यक्ति को मुक्त करने के लिए डेथ सर्टिफिकेट जरूरी होता है. इसके अलावा प्रोपर्टी के समाधान, उत्तराधिकार तय करने और इंश्योरेंस आदि लेने के लिए भी डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. कानून के अनुसार मौत के 21 दिन के अंदर इसे रजिस्टर कराना होता है.
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