Electricity Distribution System: आधुनिकीकरण (Modernization) के इस दौर में डिजिटल इंडिया (Digital India) और तकनीकी नवोन्मेष (Technological Innovation) हमारा जीवन जितना आसान बना रहा है, उतनी परेशानी तब होती है जब खुशनुमा बारिश के मौसम में बिजली गुल हो जाए.


क्यों बारिश में चली जाती है बिजली?


उपभोक्ताओं के पास बिजली पहुंचने से पहले वह ग्रिड से सब-स्टेशन पहुंचती है. सड़क पर नजर आने वाले बिजली के तार के माध्यम से ही बिजली ट्रांसमिशन होता है.



  • बारिश के दौरान बिजली गिरने की घटनाओं को देखते हुए एहतियातन ग्रिड से सब-स्टेशन तक बिजली का ट्रांसमिशन रोक दिया जाता है. पावर सप्लाई अवरुध होने से हमारे घरों तक बिजली नहीं पहुंच पाती.

  • बिजली के तार कई जगह से क्षतिग्रस्त होते हैं. इन तार में हाई वोलटेज बिजली दौड़ती है. बारिश के दौरान बिजली के तार टूटने की संभावना बनी रहती है. तेज हवा चलने से अगर तार का क्षतिग्रस्त हिस्सा किसी सामान या व्यक्ति पर गिरता है तो समस्या खड़ी हो सकती है.

  • देर तक हुई बारिश में तार का इंसुलेशन भी प्रभावित होता है जिसकी वजह से फ्यूज उड़ने और पावर कट होने की समस्या होती है.

  • अगर तार पर पेड़ गिर जाए तो तार क्षतिग्रस्त हो सकता है. ऐसे तार के संपर्क में आने से हादसा हो सकता है.

  • बिजली गिरने की समस्या को दूर करने के लिए अब बिजली के तारों की अंडरग्राउंड केबलिंग की जा रही है लेकिन जलजमाव और बाढ़ की स्थिति में वे तार भी पानी के संपर्क में होते हैं जिनसे करंट लगने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए एहतियातन बिजली की सप्लाई रोक दी जाती है.


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