ईपीएफ में कर्मचारियों का रिटायरमेंट फंड के लिए पैसा जमा होता है. इसके लिए हर महीने उनकी सैलरी में से कुछ हिस्सा कटता है और ईपीएफ में जमा होता है. रिटायरमेंट के बाद यह पैसा कर्मचारी को मिलता है. लेकिन कई बार विभिन्न कारणों से कर्मचारी को पैसा समय से पहले भी निकालना पड़ जाता है. इसके लिए ईफीएफ फॉर्म 31 भरना जरूरी होता है. ऐसे में इसकी जानकारी होना जरूरी होता है.   
 
नौकरी के दौरान विशेष परिस्थितियों में ईपीएफ का पैसा निकालने की इजाजत दी जाती है और फॉर्म 31 भरकर ईपीएफ का पूरा या कम निकाल सकते हैं. इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है. 


ईपीएफ से कब निकाला जा सकता है पैसा
ईपीएफ का पूरा पैसा तभी निकाला सकता है जब या तो कोई कर्मचारी रिटायर हो जाए या फिर लगातार 2 महीने तक बेरोजगार हो. ऐसी स्थिति पूरा पैसा निकालने के लिए भी उसको गजेटेड अधिकारी से लिखवाना होगा.  


पैसा निकालने के लिए कुछ शर्तों का पूरा होना जरूरी
कर्मचारी ईपीएफ का आंशिक हिस्सा कुछ स्थितियों में  में फॉर्म 31 भरकर निकाल सकता है. इनमें 10वीं के बाद अपने बच्चे की पढ़ाई पर पैसा खर्च करने के लिए कर्मचारी कुल ईपीएफ का 50 फीसद हिस्सा ले सकता है. इसके अलावा खुद की शादी या परिवार में भाई-बहन, बेटी-बेटा की शादी के लिए भी 50 फीसद हिस्सा निकाल सकता है. इनके लिए नौकरी के 7 साल पूरे होने चाहिए.


जमीन खरीदने या फिर घर बनाने के लिए ईपीएफ से पैसा निकाल सकते हैं. इसके लिए 5 साल की नौकरी पूरी होना जरूरी होता है. इसके अलावा घर की मरम्मती के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं लेकिन यह घर कर्मचारी के खुद के नाम पर या फिर उसकी पत्नी के नाम पर होना जरूरी होता है. इसके अलावा यदि कर्मचारी को होम लोन चुकाना है तो भी ईपीएफओ से पैसा निकाल सकता है. इसके लिए कर्मचारी को कुछ दस्तावेज देने होते हैं. 


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