Income Tax On Children: आयकर अधीनियम (Income Tax Act, 1961) की धारा 61 (1A) के अनुसार नाबालिगों को मिलने वाले सभी पैसे आयकर के दायरे में आते हैं. नाबालिगों के नाम से किये गए निवेश, बचत खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि पर टैक्स लगता है. फिल्म और विज्ञापन में काम करने वाले बाल कलाकारों की सैलरी पर भी टैक्स लगता है.
कब लगता है नाबालिगों पर इनकम टैक्स?
18 वर्ष से कम उम्र वाला कोई बच्चा अगर महीने में 1500 रुपये से कम कमाता है तो उस पर टैक्स नहीं लगता. अगर महीने में 1500 रुपये से ज्यादा की आय है तो उस पर टैक्स लगेगा.
नाबालिगों की आय पर कैसे लगता है टैक्स?
- बच्चों को उनकी सैलरी या उनके नाम पर किये गए निवेश आदि से होने वाली आय को उनके अभिभावक के इनकम में जोड़ा जाता है और फिर अभिभावक के कुल आय पर निर्धारित टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स कटता है.
- अगर माता-पिता दोनों काम करते हैं और आय प्राप्त करते हैं तो जिस अभिभावक की आय ज्यादा है उसकी आय में बच्चे की आय की राशि जोड़कर टैक्स की गणना की जाती है.
- अगर माता-पिता का तलाक हो चुका है तो जिस अभिभावक की कस्टडी में बच्चा होगा, उसके आय में बच्चे की आय जोड़ी जाएगी, भले ही बच्चे को जिस स्रोत से आय हो रहा हो, उसे दूसरे अभिभावक ने कराया हो.
- अगर बच्चा अनाथ है तो उसे अपने स्तर से ही इनकम टैक्स भरना होगा. उसके गार्डियन की आय में नहीं जोड़ा जाएगा.
- अगर कोई बच्चा अपाहिज है तो आयकर अधीनियम की धारा 80U के अंतर्गत उसकी आय को किसी भी अभिभावक के आय में नहीं जोड़ा जाएगा. इस तरह, बच्चे की आय कम होगी और वह संभवत: टैक्स के दायरे में नहीं आएगी.
- किसी भी नाबालिग को अपाहिज की श्रेणी में तब माना जाएगा जब उसमें किसी मानसिक बीमारी, शारीरिक बीमारी, बहरापन, आंख की कमजोर रौशनी, अंधापन 40 फीसदी से ज्यादा हो.
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