आज के समय में लोग अपनी जमा पूंजी को बड़ी ही सावधानी के साथ निवेश में लगाना चाह रहे हैं. ऐसे में जानकारी के अभाव में गलत जगह पर निवेश करने से लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. देशभर में कई बैंकों और निजी फर्म के अलावा पोस्ट ऑफिस में भी निवेश का मौका दिया जा रहा है. पोस्ट ऑफिस में निवेश काफी ज्यादा आसान, सरल और सुरक्षित तरीका है.


निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए पोस्ट ऑफिस विभिन्न प्रकार की जमा योजनाएं प्रदान करता है. इन योजनाओं को छोटी बचत योजनाओं के रूप में भी जाना जाता है. इन योजनाओं की यूएसपी उनकी गारंटी होती है. जिसका मतलब है कि यह योजनाएं केंद्र सरकार की ओर से समर्थित होती हैं. इनमें से कुछ योजनाएं जैसे एनएससी, एससीएसएस आदि भी आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स से बचत कर लाभ प्रदान करती हैं.


वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)


वरिष्ठ नागरिक, अर्थात, जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, वे नियमित ब्याज पाने के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश कर सकते हैं. इस योजना के तहत जमा किए गए पैसे पर त्रैमासिक ब्याज देय होता है. इस योजना के तहत पांच साल की समयावधि के बाद ही जमा की गई राशी मैच्योर होती है. वहीं इस स्कीम के तहत जरूरत पड़ने पर इसे एक साल पूरा होने के बाद समय से पहले भी निकासी की अनुमति दी जाती है, हालांकि ऐसा करने पर कुछ पैनॉल्टी लगती है. वर्तमान में इस योजना में कोई भी व्यक्ति अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश कर सकता है.


सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

यह योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' अभियान के तहत आती है. इस योजना के तहत बच्ची के 21 साल के होने पर जमा किया गया पैसा मेच्योर हो जाता है. जिसका सीधा सा मतलब है कि निवेशक अपनी बेटी के भविष्य के लिए कुछ पैसे जमा कर सकता है. जिसे बेटी के 21 साल की उम्र होने पर वह उसे निकाल सकता है. वहीं बेटी की शादी होने की दशा में इस योजना के तहत 18 साल की उम्र के बाद भी पैसे को निकाला जा सकता है.


सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)


पोस्ट ऑफिस की स्कीम के तहत पीपीएफ काफी लोकप्रिय निवेश एवेन्यू है. इसके तहत ग्राहक को टैक्ट छूट भी प्रदान किया जाता है. इस योजना के तहत निवेश का समय 15 साल का होता है. जिसमें सातवें वर्ष से आंशिक रूप से निकासी की अनुमति होती है.


किसान विकास पत्र (KVP)


यदि आप अपनी निवेश राशि को दोगुना करना चाहते हैं, तो आप केवीपी में निवेश कर सकते हैं. इस बचत योजना के लिए सरकार की ओर से ब्याज की दर की समीक्षा की जाती है और उस समय की अवधि जिसमें निवेश किया गया धन दोगुना हो जाता है. इसके योजना के लिए ब्याज दर हमेशा घटती बढ़ती रहती है. जिसके कारण इस योजना के तहत निवेश का समय कम ज्यादा होता रहता है. दर और समय अवधि आम तौर पर एक तिमाही के लिए तय की जाती है.