How To Check Adulteration In Dairy Products: दूध में पानी मिलाकर बेचना तो आम प्रथा है. लेकिन दूध और उससे बनी चीजों को गाढ़ा, सफेद या मीठा बनाने के लिए भी कई तरह के केमिकल की मिलावट की जाती है. ऐसी मिलावटी चीजों को खाने-पीने से हम डेयरी के फायदों से वंचित तो रह जाते ही हैं, हमारे सेहत को भी बहुत नुकसान होता है. वैसे तो सरकार की ओर से लगातार मोबाइल लैब (FSSAI Lab) के माध्यम से बाजार में घूम-घूमकर दूध, पनीर, घी, मिठाई आदि की जांच की जाती है, लेकिन आप घर पर ही आसान तरीकों से खुद डेयरी उत्पादों की जांच कर सकते हैं.
दूध में मिलावट की ऐसे करें जांच
- दूध में पानी की मिलावट: दूध के बूंद को एक चिकनी सतह पर गिराएं. अगर दूध का बूंद उस चिकनी सतह पर टिका रह गया या धीरे-धीरे फिसला और फिसलते वक्त हल्का सफेद दाग छोड़ गया तो समजिये कि दूध में पानी की मिलावट नहीं की गई है. वर्ना पानी मिले दूध के बूंद को चिकनी सतह पर डालते ही झट से बह जाता है, वह भी बिना कोई निशान छोड़े.
- दूध में डिटर्जेंट की मिलावट: शीशे के बोतल में पानी और दूध बराबर मात्रा में भरें और बोतल का ढक्कन बंद करने के बाद जोर से हिलाएं करें. अगर दूध में डिटर्जेंट मिला होगा तो उसमें गाढ़ा झाग बन जाएगा. शुद्ध दूध में बस झाग की पतली परत जमेगी जो जल्द खत्म भी हो जाएगी.
खोआ, छेना और पनीर में मिलावट की ऐसे करें जांच
दूध से बनने वाले खोआ, छेना और पनीर की मात्रा बढ़ाने की लालच में उसमें कॉर्नफ्लोर (स्टार्च) की मिलावट की जाती है. इसकी जांच करने के लिए 2-3 ग्राम सैंपल पांच मिलीलीटर पानी में डालकर उबाल दें. उबलने के बाद जब वह ठंडा हो जाए तो उसमें आयोडीन मिलाएं. अगर पानी नीले रंग को हो जाए, तो समझिये उसमें स्टार्च की मिलावट की गई है.
घी और बटर में मिलावट की जांच
आमतौर पर घी और बटर को गाढ़ा बनाने के लिए उसमें पिसा आलू या शकरकंद (Sweet potato) की मिलावट की जाती है. इसकी जांच के लिए कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी/बटर लें और उसमें दो-तीन बूंद आयोडीन की मिलाएं. नीला रंग बनने पर समझ झाएं कि उसमें मिलावट की गई है. अगर रंग ना बदले तो इसका मतलब है कि वह घी और बटर शुद्ध है.
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