Kaam Ki Baat: ऑटो वाले हों या प्राइवेट कैब वाले, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वालों को अक्सर इनकी मनमानी से जूझना पड़ता है. मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत किसी भी यात्री को ले जाने से मना करना, ट्रिप कैंसल करना न सिर्फ कानूनन जुर्म है बल्कि इसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान है.


क्या है कानूनी प्रावधान


मोटर वेहिकल एक्ट, 1988 की धारा 178, सब सेक्शन 3 के अनुसार अगर वाहन चलाने का परमिट रखने वाला चालक किसी यात्री को ट्रिप देने से इंकार करे तो उस पर जुर्माना लगेगा. दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए 50 रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है, वहीं चार पहिया वाहन एवं अन्य मामलों में 200 रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है.


हालांकि, ड्राइवर की मनमानी को रोकने के लिए कैब सर्विस कंपनियां लगातार अपने ऐप को अपडेट कर रही हैं ताकि उनके ग्राहकों को बिना परेशानी सुखद यात्रा का अनुभव मिल सके. कई कंपनियों ने ऐप में ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि ट्रिप बुक होते ही कैब ड्राइवर को डेस्टिनेशन की जानकारी होगी. इस तरह ड्राइवर भी अपनी सहूलियत के हिसाब से बुकिंग को एक्सेप्ट या रिजेक्ट करेगा लेकिन अगर ड्राइवर ने बुकिंग एक्सेप्ट कर ली, तो वह अपनी मनमानी नहीं कर सकेगा. बिना किसी ठोस वजह के अगर ड्राइवर के द्वारा ट्रिप कैंसिल की जाती है तो वह निजी कैब कंपनी तो कार्रवाई करेगी ही,  उस वाहन चालक पर कानूनी कार्रवाई भी होगी.


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