Old Car Buying Tips: हर मिडिल क्लास व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक घर और कार हो. लेकिन. कई बार पैसों की कमी के कारण लोग नई कार खरीदने के बजाए सेकेंड हैंड कार खरीदना पसंद करते हैं. अगर आप भी जल्द ही सेकेंड हैंड कार खरीदने की प्लानिंग बना रहे हैं तो इससे से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. वरना बाद में आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. तो चलिए जानते हैं इस बारे में-
कार की डेप्रिसिएशन वैल्यू पर दें ध्यान
पुरानी कार खरीदने से पहले इसकी डेप्रिसिएशन वैल्यू पर स्पेशल ध्यान दें. डेप्रिसिएशन का मतलब है कि कार की वैल्यू में कितने की गिरावट आई है. कार जैसे-जैसे पुरानी होती जाती है वैसे-वैसे उसकी वैल्यू में भी गिरावट दर्ज की जाती है. नई कारों को डेप्रिसिएशन रेट कम होता है. वहीं पुरानी कारों का डेप्रिसिएशन रेट ज्यादा होता है. पुराने कार खरीदने से पहले इस बात पर गौर करें कि कार की हालत कैसी है. कार किस कंडीशन में है यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसकी मेंटेनेंस, ड्राइविंग कंडीशन, कार सर्विसिंग कितने समय में करवाई गई है. यह सभी चीजें कार की डेप्रिसिएशन वैल्यू पर असर डालती है.
गाड़ी के पूरे पेपर चेक करें
पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसके पेपर्स पूरे हो. इसमें गाड़ी की आरसी, पोओसी और इंश्योरेंस के डॉक्यूमेंट्स शामिल है. इसके साथ ही गाड़ी का सेल लेटर को भी चेक करना जरूरी है. इससे बाद में गाड़ी खरीदने के बाद आपको किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
ज्यादा पुरानी गाड़ी न लें
कई बार लोग पुरानी गाड़ी सस्ते में लेने के चक्कर में इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि वह 14-15 साल पुरानी है. कई जगह राज्य सरकार ने 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को चलाने पर रोक लगा दी है. ऐसे में सस्ते के चक्कर में इस तरह की गलती करने से बचें.
Miscellaneous कॉस्ट पर दें ध्यान
कार खरीदते समय उसके Miscellaneous कॉस्ट पर भी ध्यान देना जरूरी है. Miscellaneous कॉस्ट में कार का रजिस्ट्रेशन फीस, RTO फीस आदि सभी चीजों पर भी ध्यान रखें. ध्यान रखें कि यह सभी कॉस्ट नई कार खरीदने पर लगता है. पुरानी कार में यह सभी कॉस्ट नहीं देना पड़ता है.
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