Property Distribution: संपत्ति के मालिक के जीवित रहते आमतौर पर बंटवारे को लेकर विवाद की स्थिति नहीं बनती है, लेकिन जब संपत्ति के मालिक का देहांत हो जाता है तो बहुत सामान्य है कि परिवार में बंटवारे को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है. ऐसे में वसीयत का महत्व बहुत बढ़ जाता है. अपनी इस स्टोरी में हम आपको वसीयत के महत्व और उससे जुड़ी कानूनी बातें बताएंगे-


क्या है वसीयत-


वसीयत ऐसा कानूनी दस्तावेज है जिसके तहत संपत्ति का मालिक कानूनी तौर पर अपने बच्चों या अन्य किसी भी प्रिय को अपनी संपत्ति का अधिकार सौंपता है. इसमें संपत्ति के मालिक को पूरी स्वतंत्रता है कि वह किसे इसमें हिस्सा देना चाहता है.


विवादों की संभावना को कम करती है वसीयत-


जैसा कि हमने अपने इंट्रोडक्शन में ही बताया है कि संपत्ति के बंटवारे को लेकर अक्सर विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे में अगर संपत्ति के मालिक ने पहले ही वसीयत बनवाकर संपत्ति का उचित बंटवारा कर दिया है तो इस तरह के विवादों की संभावना नहीं होती.जिससे परिवार के लोगों में आपसी संबंध बेहतर बने रहते हैं. अगर संपत्ति के मालिक का देहांत वसीयत बनाए बिना ही हो जाता है तो फिर बंटवारा उत्तराधिकार के कानूनी नियमों के अनुसार होता है . हालांकि इस स्थिति में विवाद की बहुत संभावना होती है.


कैसे बनाएं वसीयत-


वसीयत बनाते समय मालिक को अपनी सभी संपत्तियों की सूची बनाने के साथ-साथ उन पर अगर किसी प्रकार की देनदारी है तो उसका भी ध्यान रखना चाहिए. वसीयत के दो गवाह आपको चुनने होंगे,संपत्ति के मालिक द्वारा हस्ताक्षर भी उन्हीं की मौजूदगी में किए जाएंगे. यह बहुत जरूरी है कि जो गवाह चुने गए हों वो संपत्ति में किसी भी तरह से लाभ ना लेते हों. इसके अलावा भी इससे जुड़े कई कार्य होते हैं.इस पूरी प्रक्रिया के लिए किसी वकील की मदद लें तो बेहतर होगा. इससे कानूनी उलझनों और अन्य किसी प्रकार की गलती से भी बचने में सहायता मिलती है.
 


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