Property News: महिलाओं की संपत्ति का कौन होता है उत्तराधिकारी? जानिए क्या कहता है कानून
हिंदू उत्तराधिकार कानून की धारा 15 (1) में उल्लेख है कि किसी संपत्ति की मालिक महिला की संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा. इस धारा के तहत बकायदा संपत्ति के उत्तराधिकारियों का वरीयता क्रम बनाया गया है.
Land Rights: संपत्ति पर दावे और मालिकाना हक के मामले अक्सर विवाद का विषय बनते हैं. विवाद का सबसे बड़ा कारण होता है जानकारी का अभाव. संपत्ति की महिला मालिक के बिना वसीयत बनाए देहांत के बाद इस पर दावे को लेकर भी लोगों को पर्याप्त जानकारी नहीं होती है. महिलाओं की संपत्ति पर उत्तराधिकार को लेकर क्या नियम हैं हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे-
चूंकि देश में संपत्ति संबंधी नियम/कानून धार्मिक आधार पर हैं. जहां हिंदू कानून के तहत बौद्ध, जैन, सिख भी आते हैं वहीं मस्लिम कानून में नियम अलग हैं.
हिंदू महिला की संपत्ति का बंटवारा-
हिंदू उत्तराधिकार कानून की धारा 15 (1)में इस बात का उल्लेख है कि किसी संपत्ति की मालिक महिला की संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा. इस धारा के तहत बकायदा संपत्ति के उत्तराधिकारियों का वरीयता क्रम बनाया गया है,जिसके तहत-
- महिला के पुत्र और पुत्री का वरीयता क्रम में पहला स्थान.
- वरीयता क्रम में दूसरा स्थान पति के उत्तराधिकारी का.
- महिला के माता और पिता का भी संपत्ति पर दावा होता है. वरीयता क्रम में इनका स्थान तीसरा है.
- वरीयता क्रम का चौथा स्थान पिता के उत्तराधिकारियों का है.
- वरीयता क्रम का पांचवा स्थान मां के उत्तराधिकारियों का है.
मुस्लिम महिला की संपत्ति का बंटवारा-
मुस्लिम महिलाओं के मामले में नियम अलग है. मुस्लिम महिला का अपनी संपत्ति पर पूरा नियंत्रण होता है. वह अपनी संपत्ति को अपने मनमाफिक किसी को भी दे सकती है. हालांकि वसीयत बनाकर संपत्ति देने के दौरान एक खास तरह का अंकुश होता है. महिला अपनी संपत्ति का सिर्फ एक-तिहाई हिस्सा ही दे सकती है.
हालांकि संपत्ति के बंटवारे से संबंधित प्रक्रिया के लिए अनुभवी वकील की सलाह लेना बेहतर होगा. जिससे कि आप किसी कानूनी उलझन में ना फसें साथ ही इसकी भी कोशिश करें कि संपत्ति बंटवारे में कोई विवाद ना हो और यह प्रक्रिया सामान्य तरीके से पूरी हो.
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