Vehicle Ownership Transfer In Delhi: अगर आपने दिल्ली में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदी है और उसे दिल्ली में ही चलाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) में जाकर गाड़ी को अपने नाम से री-रजिस्टर कराना होगा. इसे वेहिकल ओनरशिप ट्रांसफर (Transfer Of Vehicle Ownership) भी कहते हैं. पुरानी गाड़ी खरीदते वक्त आपको सिर्फ गाड़ी के मालिक को कीमत नहीं चुकानी बल्कि उससे बदले में गाड़ी के साथ साथ आरसी ट्रांसफर का सर्टिफिकेट भी लेना होगा.


ओनरशिप ट्रांसफर ना केवल आपको कानूनी रूप से गाड़ी मालिक साबित करता है बल्कि गाड़ी का बीमा रिन्यू कराने के भी काम आता है. आमतौर पर दिल्ली में आरसी ट्रांसफर 30 से 45 दिनों में हो जाता है. लेकिन कभी कभी इस काम में ज्यादा वक्त भी लग सकता है.


अगर आपने अपनी गाड़ी व्यक्ति को बेची तो ये डॉक्यूमेंट्स लगेंगे-



  • फॉर्म 29: गाड़ी का मालिकाना हक बदलने का नोटिस

  • फॉर्म 30: ओनरशिप ट्रांसफर की रिपोर्ट

  • गाड़ी के खरीददार के स्थायी पते का प्रूफ

  • जीआईआर की कॉपी

  • पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की कॉपी

  • अगर कार लोन पर बैंक से लिया गया तो बैंक से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करना जरूरी है.


अगर कंपनी ने अपनी सेकेंड हैंड कार किसी व्यक्ति को बेची तो आरसी ट्रांसफर के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होगी-



  • ओरिजनल आरसी

  • फॉर्म 29, फॉर्म 30, फॉर्म 35

  • पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की कॉपी

  • खरीददार के स्थायी पते का प्रूफ

  • बैंक सर्टिफिकेट

  • कार बीमा की कॉपी

  • कंपनी से एनओसी


अगर खरीदी गई कार दिल्ली से बाहर रजिस्टर करानी है तो फॉर्म  28 भी जमा करना होगा. यह एक राज्य से दूसरे राज्य में आरसी ट्रांसफर के एनओसी के लिए होता है.


दिल्ली में आरसी ट्रांसफर की फीस


दिल्ली में हल्के मोटर वाहनों के आरसी ट्रांसफर के लिए 500 रुपये का शुल्क निर्धारित है


रोड टैक्स


अगर आपने किसी और राज्य से पुरानी गाड़ी खरीदी है तो आपको रोड टैक्स जमा करना होगा. आपकी गाड़ी पर कितना रोड टैक्स लगेगा इसकी जानकारी आपको भारत सरकार की वेबसाइट https://bit.ly/3dmi9aQ से मिल जाएगी.


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