Registration Certificate Transfer Rules: गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वह डॉक्यूमेंट (Vehicle Registration Number) है, जिसमें आपकी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन का नंबर, (Vehicle Registration) रजिस्ट्रेशन की तारीख, इंजन और चेसिस नंबर, फ्यूल की जानकारी, गाड़ी के मालिक से संबंधित जानकारी, मॉडल का नाम, साल और रंग, इंजन की क्षमता, बैठने की क्षमता, टैक्स और रजिस्ट्रेशन के जगह से संबंधित जानकारियां होती हैं. आपकी गाड़ी के लिए आरसी महत्वपूर्ण दस्तावेज है इसलिए इसे हमेशा अपनी गाड़ी में रखें या गाड़ी चलाते वक्त अपने पास रखें.


आरसी ट्रांसफर क्या होता है (Vehicle Ownership Transfer):


पुरानी या इस्तेमाल हो चुकी गाड़ी की खरीद-बिक्री के वक्त आरसी ट्रांसफर बेहद जरूरी है. जब भी आप अपनी गाड़ी बेचते हैं तो उसका मालिकाना हक भी गाड़ी खरीदने वाले के नाम करना होता है ताकि उस राज्य के परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में संबंधित गाड़ी को नए मालिक के नाम से अपडेट कर दिया जाए. आरसी ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया को "ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप" भी कहते हैं.


आरसी ट्रांसफर क्यों जरूरी है? (RC Transfer Benefits):


अगर आपने गाड़ी बेचते वक्त आरसी ट्रांसफर नहीं कराया तो सरकार के डाटाबेस में आपका ही नाम उस गाड़ी के मालिक के रूप में दर्ज रहेगा. भविष्य में अगर उस गाड़ी से कोई दुर्घटना होती है तो उस गाड़ी के आरसी में आपका नाम होने पर पुलिस आपको भी अपने जांच के दायरे में ला सकती है. इससे जाहिर तौर पर आपको बहुत परेशानी होगी. वहीं, अगर आपने पुरानी गाड़ी खरीदी और उसका आरसी ट्रांसफर नहीं हुआ तो भविष्य में उस गाड़ी के मालिकाना हक को साबित करने में आपको परेशानी हो सकती है.


इसलिए पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री के वक्त बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों को आरसी ट्रांसफर से संबंधित सभी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कर लेना चाहिए.


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