एक्सप्लोरर
Advertisement
Kaam Ki Baat: हेल्थ इंश्योरेंस का कवरेज बढ़ाना है तो लें Top-Up Health Insurance Plan, होंगे फायदे अनेक
Top-Up Health Insurance Plan: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी या मेडिक्लेम पॉलिसी की कवरेज बढ़ाने का सबसे किफायती और कारगर तरीका है टॉप-अप प्लान.
How To Increase Health Insurance Coverage: अगर आप अपने मौजूदा स्वास्थ्य बीमा के कवरेज से संतुष्ट नहीं हैं, अगर आपको लगता है कि भविष्य में बीमा की राशि आपकी और आपके परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकेगी तो नया स्वास्थ्य बीमा लेने से बेहतर है कि आप टॉप अप मेडिकल इंश्योरेंस प्लान ले लें और अपने मूल बीमा के कवरेज को बढ़ा लें.
टॉप अप प्लान को क्लेम कब कर सकते हैं?
टॉप अप प्लान लेने पर आपको स्वास्थ्य बीमा के साथ-साथ टॉप अप प्लान की रकम का भी इंस्टॉलमेंट में भुगतान करना होगा. हालांकि, टॉप अप प्लान के तहत मिलने वाली बीमा की राशि पर क्लेम तभी कर सकेंगे जब मूल बीमा की राशि खर्च हो चुकी हो.
टॉप अप प्लान के फायदे
- इस प्लान को आप बेसिक हेल्थ प्लान में तब्दील कर सकते हैं
- अगर मूल बीमा में आपके माता-पिता कवर हैं तो टॉप अप प्लान लेकर आप इस स्वास्थ्य बीमा में बच्चों को भी शामिल कर सकते हैं
- अस्पताल में भर्ती होने पर रूम, डॉक्टर आदि की फीस पर कोई सीमा नहीं होती. आम बीमा में हर तरह के खर्चे की श्रेणीबद्ध सीमा तय होती है. फिर भले ही आपकी बीमा की रकम बची हो, फिर भी आपको अपनी जेब से पेमेंट करना पड़ता है. टॉप-अप प्लान से यह समस्या भी दूर हो जाएगी.
- 'क्लेम फ्री ईयर' बोनस हर उस साल के लिए जुड़ता जाएगा जिस साल आपने कोई राशि क्लेम नहीं की
- इसे जीवनभर रिन्यू कर सकते हैं
- आयकर कानून की धारा 80/डी के अंतर्गत आप टॉप प्लान के प्रीमियम पर टैक्स भी बचा सकते हैं.
यह भी पढ़ें-
Health Insurance Plans: हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पर मिलेगा OPD कवरेज, इलाज में नहीं होगी दिक्कत, देखें क्या है अपडेट
Kaam Ki Baat: क्या होता है BIS Certificate, ISI का निशान नहीं है तो ना खरीदें ये सामान
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, Kaam Ki Baat और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
इंडिया
महाराष्ट्र
ट्रेंडिंग
Advertisement
प्रफुल्ल सारडाराजनीतिक विश्लेषक
Opinion