Railway: मथुरा-झांसी के बीच 120 की स्पीड से दौड़ी ट्रेन, जानें इस लाइन के शुरू होने से क्या मिलेगा फायदा?
Mathura Jhansi 3rd Rail Line: मथुरा झांसी के बीच तीसरी रेल लाइन परियोजना परवान चढ़ती दिख रही है. बिछाए गए तीसरे नए रेलवे ट्रैक पर 120 की स्पीड से ट्रेन दौड़ाकर परीक्षण किया गया है.
Speed Trial Done Successfully: उत्तर प्रदेश के मथुरा-झांसी के बीच बिछाई गई नई तीसरी रेलवे लाइन का स्पीड ट्रायल सफल रहा है. रेलवे ने बिछाई गई इस नई लाइन पर 120 की स्पीड से ट्रेन को दौड़ाकर परीक्षण किया है. इससे तेज और सुगम रेल संचालन संभव हो सकेगा. रेलवे मंत्रालय ने स्पीड ट्रायल सफल होने की जानकारी भी सार्वजनिक की है. इससे दो दिन पहले रेल सुरक्षा आयुक्त मो. लतीफ खान ने इस रेल लाइन का नरीक्षण किया था. उन्होंने अपने निरीक्षण में ट्रैक, सिग्नल, गेट, ब्रिज, प्वाइंट आदि की बारीकी से जांच की थी. यहां हम आपको बता रहे हैं कि इस लाइन के शुरू होने से जनता को क्या लाभ मिलेगा.
मथुरा झांसी के बीच तीसरी लाइन परियोजना के तहत बिढाई गई नई रेलवे लाइन पर रेलवे प्रबंधन ने 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर स्पीड ट्रायल किया है. नए ट्रैक की गुणवत्ता से लेकर विभिन्न इंतजामों की परख भी की गई है. इस ट्रायल में प्रशासनिक अधिकारी, मंडल रेल प्रबंधक, रेल विकास निगम लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक, मुख्य इंजीनियर आदि शामिल थे. इस नई लाइन के शुरू होने से ट्रेनों की लेट लतीफी खत्म होगी. सुपरफास्ट गाड़ियों को अब विभिन्न छोटे स्टेशनों पर सीधे पास किया जा सकेगा. इससे सामान्य यातायात को कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
व्यापारियों के साथ कर्मचारी व श्रमिकों को मिलेगा सुगम यातायात
झांसी से लेकर मथुरा, दिल्ली, फरीदाबाद आदि क्षेत्रों तक व्यापार के लिए आने-जाने वाले व्यापारियों की अक्सर शिकायतें रहती थीं कि ट्रेनों का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है. लेट लतीफी के चलते कई बार व्यापारिक समझौतों पर भी असर पड़ता था. तीसरी रेल लाइन शुरू होने से रेल यातायात तेज और सुगम बनने का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं अधिकांश लोग यह भी आस लगाए बैठे हैं कि झांसी से लेकर आगरा तक ईएमयू कैटेगरी की ट्रेन अब चल सकती है. क्योंकि तीसरी रेलवे लाइन यातायात व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण रहेगी. इससे कर्मचारी और श्रमिक वर्ग के लोगों को सस्ता सफर मिल सकेगा.
छह साल से हो रहा था निर्माण
मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य छह साल से चल रहा था. अक्सर लोगों की शिकायतें रहती थीं कि इस लाइन पर सुपरफास्ट जैसी गाड़ियां भी देरी से चलती हैं. कोरोना संक्रमण काल में निर्माण कार्य पर असर पड़ा था. लेकिन इसके बाद अब रेलवे ने इस पर स्पीड ट्रायल कर लिया है.
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