फायर एक्सटिंग्विशर जिसे हम अग्निशमन यंत्र कहते हैं, ये एक छोटा सा गैस सिलिंडर होता है जिसमें ऐसा पदार्थ भरा रहता है जिसे छोड़ने से आग पर नियंत्रण पाया जा सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि इस सिलेंडर का इस्तेमाल हम तब ही करते हैं जब आग फैलने का दायरा कम हो. अगर आग फैलने का दायरा ज्यादा होता है तो हमें दमकल की गाड़ियों की ज़रुरत पड़ती है.


जानिए कब लगती है आग?


जानकारी के लिए बता दें कि आग लगने की तीन परिस्थितियां होती हैं. अगर खुले में रखे ईंधन में माचिल की तिल्ली लगती है तो आग का रूप भयावह हो सकता है. वो इसलिए क्योंकि हवा में मौजूद ऑक्सीजन आग लगने में मदद करता है. आग का रूप छोटा-बड़ा हो सकता है. आग को बुझाने के लिए हम परिस्थिति के मुताबिक अलग-अलग फायर सिलिंडरों का इस्तेमाल करते हैं.


जानिए आग के कितने प्रकार होते हैं


आग के मुख्य चार टाइप होते हैं. ए-टाइप, बी-टाइप, सी-टाइप और डी-टाइप. ए-टाइप के अनुसार, अगर आग कपड़े, कागज, लकड़ी, कोयल जैसी चीज़ों में लगती है तो हम ए-टाइप वाले सिलिंडर का इस्तेमाल कर आग बुझा सकते हैं. सही सिलिंडर को पहचानने के लिए आप सिलिंडर के ऊपर लिखे डेस्किप्शन को पढ़ सकते हैं. उसी तरह, ज्वलनशील पदार्थों में आग लगना बी-टाइप में आता है. इसके लिए बी-टाइप का सिलिंडर इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, जवलनशील गैसों में लगने वाली आग सी-टाइप में आता है. इसे सी-टाइप के सिलिंडर से बुझाया जा सकता है. इलेक्ट्रिक सर्किट से लगने वाली आग डी-टाइप में आता है. इसके लिए डी-टाइप के सिलिंडर का इस्तेमाल किया जाता है.


जानिए आग बुझाने का तरीका


ए-टाइप की आग को बुझाने के लिए हम पानी या सोडा का इस्तेमाल करते हैं. वहीं बी-टाइप में फोम का, सी-टाइप में ड्राई पाउडर और डी टाइप में हम अलग केमिकल युक्त सिलिंडर का प्रयोग करते हैं.


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