पूरा विश्व इस समय कोरोना संक्रमण नाम की जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है. एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने वाली इस घातक बीमारी के कारण ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. इन परिस्थितियों के बीच 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस भी मनाया जाना है. ऐसे में World Mental Health Day 2020 के मौके पर दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन प्रोफेशनल्स नेटवर्क Linkedin ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तीन में से एक प्रोफेशनल्स का मानना है कि घर से काम करने के कारण उनके करियर ग्रोथ को नुकसान पहुंचा है. इतनी ही नहीं वर्क फ्रॉम होम ने उनके काम और जिंदगी के बीच के तालमेल को भी बिगाड़ कर रख दिया है.
मेंटल हेल्थ पर पड़ा बुरा असर
रिपोर्ट के मुताबिक वर्क फ्रॉम होम की वजह से उनकी मेंटल हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ा है. वहीं 40 प्रतिशत प्रोफेशनल्स का मानना है कि घर से काम करने के कारण वे stress या anxiety का ज्यादा सामना कर रहे हैं. 5 में से 1 प्रोफेशनल ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम में उन्हे छुट्टी न मिलने की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है. इस कारण उन्हे छुट्टी नहीं मिल पा रही है. दरअसल ज्यादातर लोगों का यही कहना है कि कोरोना संक्रमण महामारी ने उनकी छुट्टियां ही खत्म कर दी हैं. बता दें कि Linkedin की यह रिपोर्ट अप्रैल-सितंबर टाइम पीरियड पर बेस्ड है.
घट गई आर्थिक स्थिरता
इसके साथ ही वर्क फ्रॉम होम करने वाले ज्यादातर प्रोफेशनल्स का कहना है कि नौकरी को लेकर भी अब खतरा ज्यादा बढ़ गया है। इस कारण उनकी फाइनैंशल स्टैबिलिटी भी काफी घट कर रह गई है. इतना ही नहीं कंपनी के भविष्य को लेकर भी उनमे नेगेटिव भावनाएं बढ़ रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों को अपने employees के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और अपने निराश-हताश कर्मचारियों को इस परिस्थिति से उबरने में मदद करनी चाहिए.
5 में से 3 प्रोफेशनल्स फील कर रहे अकेलापन
गौरतलब है कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान हर 5 में से 3 प्रोफेशनल्स काफी अकेलापन महसूस कर रहे हैं. ऐसे में उनका मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. बता दें कि कोरोना संकटकाल में अब भी 5 प्रतिशत के करीब कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं. वहीं 60 प्रतिशत इंडियन प्रोफेशनल्स ने रीमोटली कामकाज के दौरान कई बार अकेलापन महसूस किया है. 37 प्रतिशत कर्मचारी अभी भी कामकाज के दौरान अकेला महसूस कर रहे हैं.
करियर प्रगति को किया प्रभावित
Survey के दौरान 41 फीसदी प्रोफेशनल्स का कहना था कि वर्क फ्राम होम ने उनकी करियर ग्रोथ काफी कम कर दी है. वहीं 37 फीसदी का कहना था कि इस दौरान उन्होने खुद को काफी अकेला महसूस किया. केवल इस दौरान 25 फीसदी ऐसे वर्किंग प्रोफेशनल्स हैं, जिन्हे फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स की सुविधा मुहैया हुई. 40 फीसदी प्रोफेशनल्स ने कहा कि उन्होने इस दौरान आर्थिक रूप से खुद को काफी असहज महसूस किया.
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