30% कर्मचारी मानसिक स्वास्थ्य जोखिम का करते हैं सामना: सर्वे
अधिकत्तर लोग ऑफिस में कई तरह की समस्याओं का सामना करते हैं जिसका असर सीधा उनके दिमाग पर पड़ता है. जानें कर्मचारियों की मेंटल हेल्थ पर आई रिसर्च क्या कहती है.
नई दिल्लीः तीस प्रतिशत काम करने वाले कर्मचारियों को मानसिक, भावनात्मक जोखिमों और 28 प्रतिशत डिप्रेशन के किसी न किसी रूप में नुकसान होता है, हाल ही में हेल्थ-टेक स्टार्टअप विवांत द्वारा किए गए एक नए सर्वे में ये बात सामने आई है.
शोध के अनुसार, हर चार में से एक व्यक्ति को लगता है कि उनकी ऑफिस लाइफ बैलेंस अच्छा नहीं है और 27 प्रतिशत लोग हाई जॉब के तनाव के बारे में बात करते हैं.
इस सर्वे को मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने और लाखों कर्मचारियों के बीच डिप्रेशन, चिंता और तनाव पर जागरूकता फैलाने के लिए किया गया था.
इस सर्वे में दो लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने भाग लिया और यह पाया गया कि 48 प्रतिशत प्रतिभागी एक गतिहीन जीवन शैली जीवन जीते हैं और 25 प्रतिशत लोग अनहेल्दी फूड हैबिट्स का पालन करते हैं.
इस सर्वे में यह भी बताया गया कि 23 प्रतिशत लोग डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल डिजीज़ के खतरे का सामना करते हैं, जबकि 30 प्रतिशत कामकाजी लोग किसी न किसी रूप में मानसिक और भावनात्मक जोखिम का सामना करते हैं.
विवांत के सीईओ आदित्य राहा का कहना है कि प्रीवेंटिव केयर लाइफस्टाइल का समर्थन करता है और मेंटल हेल्थ से जुड़े टैबू को दूर करने की कोशिश करता है.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.