Parenting Tips: अक्सर ऐसा होता है कि बच्चों से कहते हैं कि दूसरे बच्चों को देख वह कितने अच्छे से काम करता है, पढ़ाई करता है या दूसरों की इज्जत करता है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आपका यह कहना बच्चों पर क्या असर डाल सकता है? अगर नहीं, तो आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे आपका छोटा सा कंपैरिजन आपके छोटे से बच्चे के दिमाग पर बुरा प्रभाव डाल सकता है और इससे उसका आत्मसम्मान कैसे कम हो सकता है.

 

1. यदि माता-पिता बड़े बच्चों की तुलना अपने छोटे भाई-बहनों से करते हैं, तो यह बच्चों में कंपीटिटिव फीलिंग को बढ़ावा देगा, और बड़े बच्चे छोटे बच्चों को चिढ़ाना, लड़ना, मारना और आक्रामक व्यवहार करना शुरू कर सकते हैं.

 

2. जब बच्चों की तुलना उनके भाई-बहनों, दोस्तों या चचेरे भाइयों से की जाती है, तो वे असुरक्षित महसूस करते हैं और अपने माता-पिता से दूरी बनाए रखने की कोशिश करते हैं. यह उनके रिश्ते को भी कमजोर कर सकता है.

 

3. जब बच्चों की सराहना नहीं की जाती है और उनकी लगातार दूसरों से तुलना की जाती है, तो उनकी प्रतिभा खिल नहीं पाएगी, और वे उस जोश और लग्न से वो काम नहीं करते हैं.

 

4. यदि बच्चे अपने माता-पिता को दूसरे बच्चों की अधिक सराहना करते हुए देखते हैं, तो वे तिरस्कार महसूस करते हैं और कभी भी अपने माता-पिता को खुश करने की कोशिश नहीं करेंगे.

 

5. यदि बच्चों को अपने माता-पिता से लगातार ताने मिलते हैं, तो वे धीरे-धीरे माता-पिता और सामाजिक संबंधों से बचने लगते है और उनके झिझक भी बढ़ने लगती हैं.

 

6. दूसरे बच्चों से तुलना करने पर बच्चों का आत्मविश्वास प्रभावित होता है. यदि किसी बच्चे को लगता है कि वह 'किसी काम का नहीं' है, तो इससे उसकी परफॉर्मेंस और भी बिगड़ सकती है.

 

7. बच्चों का विकास तब कम हो जाता है, जब वे यह मानने लगते हैं कि वे अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं हैं. वे हमेशा सोचते रहेंगे कि वे कभी भी अपने माता-पिता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाएंगे.

 

यह भी पढ़ें