इस वजह से दुर्गा अष्टमी पर रात में की जाती है मां गौरी की पूजा
आज नवरात्र का आठंवा दिन है. आज दुर्गा अष्टमी के दिन मां गौरी के रूप की साधना की जाती है. सामान्य पूजा के बाद मां गौरी की साधना करें.
नई दिल्लीः आज नवरात्र का आठंवा दिन है. आज दुर्गा अष्टमी के दिन मां गौरी के रूप की साधना की जाती है. सामान्य पूजा के बाद मां गौरी की साधना करें. मां गौरी की पूजा पूरे भाव और श्रद्धा से की जाए तो बहुत लाभदायी फल मिलते है.
मां गौरी का स्वरूप- महागौरी की चार भुजाएं हैं. इनका वाहन वृषभ है. इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है. ऊपरवाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएं हाथ में वर-मुद्रा हैं. इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है.
मां गौरी की साधना करने का समय- मां गौरी की साधना विशेष समय पर की जाती है. मां गौरी की साधना रात में की जाती है. दिन के समय मां गौरी की मूर्ति या चित्र के आगे एकाग्रचित्त होकर प्रणाम करें. इस दौरान आप सफेद रंग के वस्त्र पहनेंगे तो बहुत अच्छा होगा.
मां गौरी की पूजा के लिए मंत्र- श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः | महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ||
कन्याओं को दें दान- सुबह की पूजा के बाद 8 कन्याओं को अनाज, पुस्तकें और वस्त्र में से कुछ भी सेवाभाव से दान करें.
कैसे करें मां गौरी की पूजा- मां गौरी की मूर्ति पर सफेद फूल अर्पण करें. रात में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. उपवास के दौरान थोड़ा सा वक्त निकालें. सफेद वस्त्र नहीं पहन रहे तो सफेद आसन बिछाकर बैठ जाइए.
महागौरी की पूजा का महत्व- किसी विशेष पीड़ा से परेशान लोगों को दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए. इससे आपकी परेशानियों में कमी आएगी. इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं.