केरल में फिर आया कोरोना का नया वेरिएंट, कभी सोचा है वायरस की बीमारी सबसे पहले केरल में ही क्यों आती है?
केरल में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पुष्टि हुई है. आइए समझते हैं कि कोई भी वायरस बीमारियां केरल में क्यों सबसे पहले सामने आती हैं.
Covid New Variant JN.1 : कोरोनावायरस की दहशत अभी भी हमारे दिल और दिमाग से उतरा नहीं है. कि फिर से एक नया वेरिंएट सामने आ गया है. हाल ही में केरल में कोरोना वायरस के एक नए स्ट्रेन की पहचान की गई है जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. यह नया वेरिएंट पिछले वालों की तुलना में अधिक संक्रामक और घातक साबित हो सकता है. कोरोना के इस नए वैरिएंट को JN.1 कहा जा रहा है. इसका पहला केस केरल में ही सामने आया. ऐसे में लोगों में डर और चिंता फैल गई है. केरल में सोमवार को 111 केस सामने आए हैं.ऐसे में केरल सरकार ने लोगों से सावधानी बरतने और कोविड गाइडलाइंस का अनुपालन करने की अपील की है. साथ ही टीकाकरण व निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया गया है.
केरल में ही मिला था कोरोना का पहला मामला
पिछली बार भी हमने देखा है कि कोरोना वायरस सबसे पहले केरल में आया था वर्ष 2020 में जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया था, तब भारत में भी यह संक्रमण तेजी से फैलने लगा था. दिलचस्प बात यह है कि भारत में कोरोना का पहला मामला केरल से ही सामने आया था. एक विदेश यात्रा से लौटे व्यक्ति में 30 जनवरी 2020 को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद तो कोरोना ने केरल और फिर पूरे भारत में कहर बरपाया. उसके बाद भी कई नए वेरिंएट की पहचान केरल में ही की गई थी. अभी फिर से नया वेरिंएट केरल में सामने आया है.
वायरस की बीमारी सबसे पहले केरल में ही क्यों
यह सवाल अक्सर उठता है कि नई बीमारियां या वेरिंएट हमेशा केरल में क्यों सबसे पहले आ जाती हैं. इसकी वजह यह है कि केरल से बहुत से लोग बाहर दूसरे मुल्कों यानी विदेश में जाकर काम करते हैं. यह देखने को मिला है कि जब कोई व्यक्ति किसी विदेश यात्रा से लौटकर आता है तो उसके साथ कोई न कोई नया वायरस या बीमारी लेकर आता है. विदेश में रहने वाला व्यक्ति जब वापस अपने घर आता है तो उस नए वायरस को भी अपने साथ लाता है जो उस देश में फैला हुआ होता है. केरल के लोग अक्सर बाहर देशों में काम करने जाते हैं. जब वे वापस लौटते हैं तो नए कोरोना वेरिएंट को भी लेकर आते हैं, जो केरल में फैल जाता है.