केरल में अनोखा टीकाकरण, शख्स के नहीं थे दोनों हाथ फिर भी लगी वैक्सीन की डोज़
ये पहली बार नहीं है जब बालासुब्रमण्यम खबरों की सुर्खियां बना. अपने 21वें जन्म दिवस पर उसने 2019 में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के साथ सेल्फी ली थी. लेकिन टीकाकरण अभियान के दौरान एक बार फिर उसकी चर्चा है.
केरल में टीकाकरण अभियान का अजीब और अनोखा मामला सामने आया है, जो शायद दुनिया का पहला है. बिना हाथों के जन्मे एक शख्स को उसके पैरों पर कोरोना वायरस के खिलाफ कोविड-19 की वैक्सीन लगाई गई. जन्मजात एम्प्यूटेशन वाला 22 वर्षीय शख्स दुनिया का पहला दुर्लभ मामला बन गया जिसको वैक्सीन की डोज उसके पैरों पर लगाया गया.
केरल में टीकाकरण अभियान का अनोखा मामला
अलाथुर निवासी प्रणव बालासुब्रमण्यम का जन्म दोनों हाथ के बिना हुआ था, और कोरोना के खिलाफ जंग में शारीरिक बाधाओं को पार करते हुए उसका टीकाकरण किया गया. लेकिन उससे पहले पालक्काड जिले के टीकाकरण केंद्र पर अजीबो गरीब स्थिति पैदा हो गई. जैसे ही शख्स अपनी साइकिल चलाते हुए टीकाकरण केंद्र पर अधिकारियों से पूर्व अनुमति मांगने पहुंचा, केंद्र के स्वास्थ्य कर्मी उलझन में पड़ गए कि कैसे उसका टीकाकरण किया जाए.
दोनों हाथ के बिना जन्मे शख्स को पांव में लगी वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग से मंजूरी मिलने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने शख्स के पांव पर वैक्सीन लगाई. ये पहली बार नहीं है जब बालासुब्रमण्यम खबरों की सुर्खियां बना. अपने 21वें जन्म दिवस के मौके पर उसने 2019 में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के साथ सेल्फी लेकर चर्चा में आ चुका है. उस वक्त उसने अपनी बचत से 5 हजार की राशि मुख्यमंत्री संकट राहत कोष में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सौंपी थी. उससे पहले प्रकृति की मार को झेलनेवालों की कठिनाइयों को समझने के लिए बालासुब्रमण्यम ने राहत शिविरों का दौरा किया था. प्रणव बालासुब्रमण्यम पेशे से कलाकार है जो पेंटिंग्स बेचकर अपनी आजीविका कमाता है. उसके पास बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री है. खुद से प्रशिक्षित कलाकार का सपना कार चलाने के लिए लाइसेंस हासिल करना है.
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