'लाल सिंह चड्ढा' पर फोकस करने के लिए डिजिटल डिटॉक्स हुए आमिर खान, जानिए यह क्या है और कैसे कर सकते हैं आप?
अभिनेता आमिर खान डिजिटल डिटॉक्स हो गए हैं. उन्होंने फिल्म लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग के वक्त अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया है.डिजिटल डिटॉक्स के लिए विकल्प चुनने का फैसला नया और ताजा है. अगर आमिर कर सकते हैं, तो जानिए आप कैसे कर सकते हैं?
अगर आप आमिर खान से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसा करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि उन्होंने डिजिटल डिटॉक्स होने का एलान कर दिया है. फैसले के पीछे फिल्म लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग करते समय ध्यान केंद्रित करना है. दरअसल, फिल्म के सेट पर निरंतर फोन कॉल और मैसेज शूटिंग को प्रभावित कर रहा है, जबकि अभिनेता जल्द से जल्द फिल्म को पूरा करने के प्रयास में जुटे हैं.
डिजिटल डिटॉक्स चुनने का विकल्प बहुत ताजा है क्योंकि ज्यादातर लोगों ने अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और इंटरनेट के बिना जिंदगी को कल्पनाहीन बना दिया है. लेकिन अभी भी समय है जब हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए. ऊर्जावान और उत्पादक के साथ काम की तरफ वापसी को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल डिटॉक्स का प्रयास जरूरी है.
क्या है डिजिटल डिटॉक्स? ये कहना गलत नहीं होगा कि डिजिटल डिटॉक्स वक्त की जरूरत है, खासकर जब कोरोना वायरस की महामारी ने हमें बुरी तरह प्रभावित किया है. ज्यादातर लोग एकांतवास का शिकार हैं या लॉकडाउन के दौरान तनावग्रस्त रहे हैं. इसके पीछे कई कारण हैं मगर देखने में आया है कि तकनीक से अलगाव का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट पड़ा है. इसलिए डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक बीच में थोड़ा ब्रेक लेने या डिजिटल डिटॉक्स होने की सलाह दे रहे हैं.
इससे वास्तविक जिंदगी की गतिविधियों और डिजिटल दुनिया के बीच स्वस्थ संतुलन बनाने में मदद मिलेगी. अगर आप परिभाषा से परिचित नहीं हैं, तो डिजिटल डिटॉक्स बुनियादी तौर पर किसी शख्स का टेक्नोलॉजी डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, टेलीविजन, कंप्यूटर, टैबलेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या वेबसाइट के इस्तेमाल से खास समय के लिए अलग हो जाना है.
शुरुआत में डिजिटल दुनिया में रहते हुए डिवाइस से छुटकारा पाना आसान नहीं होगा, लेकिन आप पूरी तरह डिटॉक्स होने के बजाए एक छोटी शुरुआत कर सकते हैं. स्क्रीन इस्तेमाल के समय की सीमा को निर्धारित करना बहुत शक्तिशाली और लंबे समय में लाभ देनेवाला होगा है. अंत में, आप देखेंगे कि कैसे ये आदत आपको ज्यादा शांत महसूस करवा रही है और भावनाओं के साथ जोड़ रही है. डिजिटल डिटॉक्स होने से तनाव लेवल कम होगा और ध्यान लगाने में मदद मिलेगी.
कैसे करें डिजिटल डिटॉक्स? डिजिटल डिटॉक्स करने के लिए नोटिफिकिशेन को टर्न ऑफ कर दें. डिवाइस के लगातार चेक करने से आपकी सोशल मीडिया के प्रति उत्सुकता बढ़ती है. इसके अलावा, रात में जहां तक संभव हो मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर दें. मैसेज और ईमेल के लिए खुद से जुड़े लोगों को खास समय निर्धारत कर उनको आगाह करें. कोलकाता की मनोवैज्ञानिक डॉक्टर सुतापा गुहा रे दत्ता कहती हैं, "व्हाट्सएप चैट्स के बजाए, हम दोस्तों से और परिजनों से साक्षात मुलाकात कर सकते हैं.
उसी तरह, हम अपने भोजन का आनंद परिवार के साथ बिना टीवी देखे उठा सकते हैं." उनका ये भी कहना है कि डिजिटल डिटॉक्स जितना व्यस्कों के लिए महत्वपूर्ण है उतना ही बच्चों के लिए भी है. बच्चों को गूगल पर सर्च करने के बजाए किताब से ज्ञान हासिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए. उनके लिए ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि ऑनलाइन गेम्स के बजाए बच्चे ज्यादा ऑउटडोर गेम्स से आनंद उठा सकें.
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