Acidity: एसिडिटी एक आम पाचन समस्या है. ये असुविधाजनक स्थिति होती है जो जलन का एहसास, आवाज का बैठना, खराब सांस औऱ पेट में दर्द की वजह बन सकता है. खराब खानपान की आदतें जैसे ज्यादा खाना, गैर सेहतमंद खानों का विकल्प, भोजन को छोड़ना जैसे कुछ संभावित कारण एसिडिटी के होते हैं. आपकी जीवनशैली की भी अहम भूमिका होती है.


एसिडिटी से राहत के लिए मामूली बदलाव  


शारीरिक गतिविधि का लेवल, नींद की रूटीन, तनाव और धूम्रपान भी एसिडिटी की समस्या को प्रभावित कर सकते हैं. आहार और जीवनशैली में साधारण बदलाव लाकर आप एसिडिटी और कई पाचन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. आपको जानना चाहिए इस सिलसिले में करने के क्या जरूरी उपाय हो सकते हैं.


एसिडिटी के लिए क्या करें और क्या न करें
तनाव आपकी सोच से ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है. कई लोग तनाव का इलाज नहीं करा पाते हैं जिससे कई स्वास्थ्य स्थितियों का खतरा उभरने का डर रहता है. ये आपकी दिमागी और शारीरिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है. इसके चलते आप जरूरी मात्रा से ज्यादा कैलोरी का सेवन कर सकते हैं और वजन बढ़ने को न्योता दे सकते हैं.


आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि तनाव एसिडिटी की तरफ ले जा सकता है. रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि तनाव और एसिडिटी के परिवर्तन में वृद्धि के बीच संबंध है. न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने भी अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस बात का जिक्र किया है. उन्होंने बताया है कि आपको एसिडिटी से बचना है तो तनाव मुक्त रहना होगा.






रात के खाने और सोने के बीच आदर्श अंतराल होना चाहिए. सोने के समय ज्यादा लोग दिन का आखिरी खाना खाते हैं और एसिडिटी की शिकायत करते हैं. सोने और डिनर के बीच आधा घंटे का फर्क भी पर्याप्त नहीं है. खाना पूरा करने के साथ लेट जाने से सुबह में आपको गले में असुविधा का अनुभव भी करना पड़ सकता है. इसलिए, डिनर और सोने के बीच का अंतराल 2-3 घंटे का होना चाहिए.


रात की बेहतर नींद भी एसिडिटी नियंत्रण में भूमिका अदा करती है. थकान और तनाव इस स्थिति को ज्यादा बढ़ा सकते हैं, इसलिए अपने शरीर को आराम देने और ठीक होने के लिए काफी समय दें.


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