Intracranial Hemorrhage: बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर ऐक्ट्रेस एन्द्रिला शर्मा (Aindrila Sharma) कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrests) आने के बाद से वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. आनंदबाजार डॉट कॉम के मुताबिक ऐक्ट्रेस को बीते मंगलवार 1 नवंबर को ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) आया था. जिसके बाद उनके दिमाग में खून का थक्का न जमे इसके लिए काफी दवाई भी दी गई थी. जिसके बाद से उन्हें इंफेक्शन भी हो गया था. फिलहाल ऐक्ट्रेस को हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया है. जहां उन्हें तुरंत सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की गई है और इलाज किया जा रहा है. ऐक्ट्रेस Intracranial Hemorrhage की बीमारी से जूझ रही हैं जिसकी वजह से उनके दिमाग में खून के क्लॉट्स बन रहे हैं. आइए जानते हैं क्या होती है Intracranial Hemorrhage की बीमारी और इसके लक्षण.


Intracranial Hemorrhage में दिमाग के अंदर बहने लगता है खून


न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुधीर कुमार के मुताबिक इंट्रासेरेब्रल हैमरेज (ICH)का अटैक अचानक ही होता है. यह एक गंभीर बीमारी है.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आईसीएच हाई ब्लडप्रेशर के कारण होता है. डॉक्टर्स के मुताबिक 30-35प्रतिशत ब्रेन स्ट्रोक हाई ब्लड प्रेशर के कारण ही होता है. दिमाग के अंदर कहां ब्लड बह रहा है इसी से पता चलता है कि आपको आईसीएच है या नहीं. 


इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु के निदेशक ने डॉ. गिरीश बी. नवसुंडी ने सहमति जताते हुए कहा कि इंट्राक्रैनील बीमारी में दिमाग के अंदर खून बहकर थक्का जमने लगता है. यह बीमारी वैसे लोगों को भी हो सकती है जो ज्यादा चिड़चिड़ा और हमेशा प्रेशर में रहते हैं. जिन्हें यह बीमारी है उसे अचानक से  कार्डियक अरेस्ट का खतरा भी रहता है. यह ज्यादातर वेंट्रिकुलर रिपोलराइजेशन में बदलाव के कारण होता है.


ICH के लक्षण हैं:


सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी, एक तरफ हाथ या पैर में झुनझुनी, चलते समय बैलेंस बिगड़ जाना. कोई भी चीज खाने में मुश्किल होना. आईसीएच गंभीर रूप तब ले लेता है जैसे इसका कोई मरीज अचानक से बेहोश हो जाता है, सांस लेने में तकलीफ होती है. तब इस मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता पड़ती है. कई मामलों में यह भी देखा गया है कि मरीज को कार्डियक अरेस्ट भी आ सकता है. 


ICH में दिमाग के अंदर खून बहने लगता है तो दिमाग के नीचे पाए जाने वाला मेड्यूला ऑब्लांगेटा इससे प्रभावित हो जाता है. इससे सांस लेने में भी दिक्कत होती है. साथ ही इसकी वजह से कभी भी कार्डियक अरेस्ट भी पड़ सकता है. खून बहकर दिमाग के ज्यादा एरिया में फैल रहा है तो बार- बार कार्डियक अरेस्ट पड़ सकता है. इसलिए समय रहते ही इस बीमारी का इलाज जरूरी है. 


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