Covid-19 से लड़ने के लिए ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दूध, ब्रेड में विटामिन D शामिल करने की दी सलाह, जानें इनके फायदे
विटामिन डी की कमी से हड्डी रोग से जुड़ी समस्या होना स्पष्ट है.लेकिन क्या कमी से कोविड-19 का जोखिम भी बढ़ा सकता है.
क्या दूध और ब्रेड में विटामिन डी शामिल करना फायदेमंद हो सकता है? महामारी की शुरुआत से ही विटामिन डी की भूमिका को लेकर बहस जारी है. अब, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने सरकार को सलाह दी है कि कोविड-19 के खिलाफ सामान्य फूड में विटामिन डी का शामिल करना मददगार हो सकता है. उनके मुताबिक, ब्रिटेन की आधी आबादी में विटामिन डी कमी है और सरकार का लोगों को सप्लीमेंट्स लेने का सुझाव प्रभावी साबित नहीं हो रहा है.
क्या कोविड-19 के खिलाफ सामान्य फूड में विटामिन डी शामिल करें?
कुछ शोध में ये बात सामने आई है कि विटामिन डी का कम लेवल कोरोना वायरस के खतरे को ज्यादा बढ़ा सकता है या गंभीर रूप से संक्रमित कर सकता है. पिछले सप्ताह फ्रांस के शोधकर्ताओं ने पाया कि अस्पतालों में दाखिल 216 कोविड-19 के मरीजों में 82 फीसद लोगों में विटामिन डी की मात्रा कम थी. कुछ शोध से पता चला है कि विटामिन डी का कोविड-19, फ्लू और सांस की दूसरी बीमारियों पर मामूली या कुछ असर नहीं होता. विटामिन डी कमी बच्चों में सूखा रोग (हड्डी से जुड़ी बीमारी) और युवाओं में ओस्टियोमालाशिया (हड्डियों का कमजोर होना) का कारण बन सकता है. नरम हड्डियां विकृति की ओर ले जाती हैं.
अत्यंत विटामिन डी की कमी वाले बच्चे हाइपोकाल्सेमिया के प्रति संवेदनशील होते हैं. जिसका मतलब हुआ कि उनके ब्लड में कैल्शियम की कम मात्रा है. शोधकर्ता डॉक्टर ग्रेथ डेविस कहते हैं, "मेरे विचार में स्पष्ट है कि विटामिन डी न सिर्फ बीमारी की गंभीरता से सुरक्षा दिला सकता है बल्कि संक्रमण के खिलाफ बचा भी सकता है." हालांकि, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग जैसे दूध, ब्रेड और संतरे जूस जैसे फूड को फोर्टिफाई करने को खारिज किया है. गौरतलब है कि खाद्य पदार्थो में अलग से विटमिन और मिनरल्स मिलाने को फूड फॉर्टिफिकेशन कहा जाता है.
वैज्ञानिकों ने किया विटामिन डी लेवल के हवाले से बड़ा दावा
क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी लंदन के श्वसन प्रोफेसर अडरिनय मारटेनेयु अलग से जानने के लिए मानव परीक्षण कर रहे हैं कि क्या विटामिन डी कोविड-19 के खतरे या इसकी गंभीरता को कम कर सकता है. पिछले सप्ताह शुरू हुए परीक्षण को कई संस्थाओं जैसे बार्ट्स चैरिटी, फिशल फैमिली ट्रस्ट और एआईएम फाउंडेशन मदद कर रही है. परीक्षण के दौरान सर्दी में 5 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि नतीजे से विटामिन डी को दूध, संतरा जूस, अनाज और ब्रेड में मिलाने के दावे को मजबूती मिलती है. उनकी दलील है कि हर शख्स को विटामिन डी का काफी खुराक लेना ज्यादा विश्वसनीय है.
विटामिन डी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और अब, मजबूत इम्यूनिटी सिस्टम के लिए भी लग रहा है. अडरिनय मारटेनेयु का कहना है, "सरकार की सलाह है कि पूरी आबादी को विटामिन डी सप्लीमेंट्स सर्दी के महीनों में लेना चाहिए और ज्यादा जोखिम वाले समूह को साल भर इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन, हम जानते हैं कि लोगों की बड़ी तादाद ऐसा नहीं कर रही है. यहां तक कि मैं भी कभी-कभी सप्लीमेंट लेना भूल जाता हूं. इसलिए, फोर्टिफिकेशन विटामिन डी कमी दूर करने का अच्छा तरीका है."
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