(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
वायु प्रदूषण: सांस में जहर घुलने से आप इस तरह कर सकते हैं मासूम बच्चों की सुरक्षा
वायु प्रदूषण के जोखिम से बचने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैंबच्चों के लिए खराब हवा के जिम्मेदार प्रदूषक घर में भी छिपे हो सकते हैं
जितना घातक खराब वायु की गुणवत्ता युवाओं के लिए है, उतना ही हानिकारक छोटे बच्चों के लिए है. शोध के मुताबिक, पिछले साल वायु प्रदूषण 1.16 लाख से ज्यादा मासूम की मौत का कारण बना. मासूम बच्चों को दूषित हवा से लंबे समय तक स्वास्थ्य का जोखिम रहता है. पैदा हुए अपरिपक्व और बहुत कम वजन बच्चों का संबंध वायु प्रदूषण से जोड़ा गया है. आपके परिजनों के लिए खराब हवा के जिम्मेदार प्रदूषक घर में भी छिपे हो सकते हैं. शुद्ध हवा में बच्चों को सांस लेने की खातिर आप कुछ उपाय कर सकते हैं.
घर के लिए उपकरण लगाएं
डॉक्टर सांस की बीमारी के जोखिम वाले लोगों को वायु शोधक उपकरण लगाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. वायु शोधक में कई फिल्टर होते हैं. ये PM 2.5 वायुमंडलीय कण पदार्थ को बाहर निकालने और हवा को सांल लेने योग्य बनाते हैं. इससे हवा सभी तरह के धुएं और बैक्टीरिया से शुद्ध होती है. हवा में PM2. 5 की मात्रा 60 और PM 10 की मात्रा 100 होने पर हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित माना जाता है.
मासूम बच्चों के प्रति सतर्क रहें
बाहरी हवा की गुणवत्ता किसी शख्स को सांस की तकलीफ में घेरने के लिए काफी है. कमजोर इम्यूनिटी वाले जैसे छोटे बच्चे और बुजुर्गों को बहुत ज्यादा बाहर निकलने पर सतर्क रहना चाहिए. बच्चों को बाहर निकलते वक्त मास्क पहनने की सलाह देनी चाहिए मगर नवजात को चरम प्रदूषण के वक्त बाहर ले जाने से बचना चाहिए.
परफ्यूम और पेंट बच्चों से दूर रखें
खास घरेलू और इस्तेमाल के प्रोडक्ट्स जैसे परफ्यूम और पेंट में PM 2.5 के अंश पाए जाते हैं. सांस लेने पर ये विषैला हो सकता है. अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं, तो उन्हें एलर्जी से बचाने के लिए परफ्यूम और पेंट की पहुंच से दूर रखें.
दरवाजे, खिड़की को बंद रखें
सूर्य की रोशनी विटामिन डी हासिल करने का प्रमुख स्रोत होती है. मगर, दिन में दरवाजे और खिड़कियों के खुला रखने से रोगाणुओं और प्रदूषकों को न्योता दे सकता है. अत्यधिक धूल-गर्दों की साफ-सफाई से बचें क्योंकि इससे प्रदूषक हवा में फैल सकते हैं. अगर आप रूम में हवा चाहते हैं, तो दोपहर का समय तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित और कम प्रदूषित होता है.
मासूम को स्तनपान कराना जारी रखें
छह महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए कुछ इम्यूनिटी बढ़ानेवाले फूड दिए जा सकते हैं. इसके अलावा, मासूम बच्चों को नियमित स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए. नियमित स्तनपान बढ़ते बच्चे के लिए पौष्टिकता का इम्यूनिटी से भरपूर स्रोत होता है.
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