Alert! सोने के समय की इन खतरनाक आदतों को फौरन क्यों रोकना है जरूरी? जानिए
क्या आपकी रात बिस्तर पर करवटें बदलने में गुजर रही हैं और नींद के लिए प्रार्थना करनी पड़ रही है?सोने के समय की आपकी कुछ खतरनाक आदतें इसकी वजह हैं. उनको छोड़ने में ही आपकी भलाई है.
दिन भर की भागदौड़, अत्यधिक तनाव और लगातार स्क्रीन के संपर्क में रहने के कारण हमारी आंखों में जलन महसूस होती है और सिर दर्द होता है. ऐसी स्थिति में हमारा पसंदीदा समय सोने का समय होता है. आखिर बिस्तर पर जाना और सो जाना कितना राहत देनेवाला होता है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. लेकिन, कुछ लोगों के लिए बिस्तर पर फौरन जाते ही नींद एक सपना बन जाती है. क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो थक तो बहुत जाते हैं, लेकिन बिस्तर पर जाने के बाद नींद मुश्किल हो जाती है?
आप असहज रूप से अपने बिस्तर पर करवटें बदल रहे हैं और नींद के लिए प्रार्थना कर रहे हैं? नींद की तलाश में खुद को रात काटनेवाला घोषित करने या नींद की समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाने से पहले, अपनी दिनचर्या को टटोलिए. बिस्तर पर जाने से पहले कई ऐसे काम हम करते हैं जो हमारी नींद के लिए बेहद नुकसानदेह होती हैं. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो इन खतरनाक आदतों को फौरन छोड़ दें.
शाम में धूम्रपान- दिन में लंबे काम के बाद अगर आप थक गए हैं और आपको बिस्तर पर जाने के लिए एक कश की जरूरत हो सकती है. लेकिन, ये मामूली कश रातों की नींद हराम करने का मुख्य कारण हो सकता है. तंबाकू में सक्रिय एक घटक निकोटीन का आप सेवन कर रहे हैं. निकीटोन एक उत्तेजक है और इस तरह इस प्रकार अधिक बार अनिद्रा का कारण नहीं बन सकता. न सिर्फ नींद ही नहीं, बल्कि धूम्रपान नींद की अन्य समस्या जैसे स्लीप एपनिया भी पैदा कर सकता है. अगर आपको सोने में दुश्वारी आ रही है और आप एक स्मोकर हैं, तो जान लीजिए नींद और धूम्रपान दोनों एक साथ नहीं चल सकते.
फोन का इस्तेमाल- सोने से पहले फोन नहीं इस्तेमाल करने की सलाह आपने निश्चित रूप से सुनी होगी. लेकिन, सही जानकारी के अभाव में आप बिस्तर पर अभी भी फोन का इस्तेमाल कर रहे होंगे. आपको जानना चाहिए फोन या डिजिटल डिवाइस से किरणों का उत्सर्जन होता जिसका इस्तेमाल सोने से पहले नहीं करना चाहिए. बिस्तर पर लेटे हुए फोन को चेक करना आपके दिमाग को सक्रिय रखता है और उसे आराम करने से रोकता है. दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात, फोन से निकलनेवाली किरणें मेलाटोनिन लेवल को दबा देती हैं. ये हार्मोन आपकी स्लीप साइकिल में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए, अगर मेलाटोनिन लेवल की कमी होगी, तो निश्चित रूप से नींद लेने में आप सक्षम नहीं हो पाएंगे.
शाम के वक्त कैफीन- आप घर से काम कर रहे होंगे और आपको विशेष रूप से शाम को मौसम के अनुकूल नहीं रहने और काम के बहुत ज्यादा दबाव से निपटने के लिए कैफीन की जरूरत हो सकती है. एक कप कैफीन की शक्ति आपको सक्रिय रखती है. लेकिन, कैफीन का इस्तेमाल न सिर्फ काम के घंटों में आपको सक्रिय रखता है बल्कि सोने की कोशिश के दौरान भी असर दिखाता है! कैफीन हमारे दिमाग को सतर्क और जागरुक रखता है, जो हमारी स्लीप साइकिल में बाधा का कारण बनती है.
देर रात वर्कआउट- वर्कआउट निश्चित रूप से आपके शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए अच्छा है. वास्तव में, जिस दिन आप व्यायाम करते हैं, आपके एक बच्चे की तरह सोने की संभावना ज्यादा होती है. लेकिन, दिन के आखिरी पहर, 7 बजे के बाद सख्त वर्कआउट का आपके स्लीप पैटर्न पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. ये आपके स्थिर दिल की धड़कन को बाधित करेगा जबकि आपको लगेगा कि देर रात तक वर्कआउट करने से आप थक गए हैं और नींद आपसे चंद कदम दूर है. ये आपके दिल की धड़कन को बढ़ा देगा और आपका शरीर ज्यादा सक्रिय हो जाएगा. हालांकि, टहलना या घूमना हानिकारक नहीं है.
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